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Rau’s IAS के बेसमेंट में तीन छात्रों के डूबने का मामला, CBI ने अपनी चार्जशीट में क्या बताया है?

इस साल जुलाई में दिल्ली के Rau’s IAS Study Circle कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बारिश का पानी भर गया था. इसमें डूबने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी.

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इस हादसे में यूपी की श्रेया यादव, तेलंगाना की तान्या सोनी और केरल के नेविन डाल्विन की मौत हो गई थी. (कोचिंग सेंटर की फोटो: इंडिया टुडे)

इस साल जुलाई में दिल्ली के Rau’s IAS Study Circle कोचिंग सेंटर में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले तीन स्टूडेंट्स की मौत हो गई थी. तीनों छात्रों की मौत कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में ही हुई थी, जिसमें बारिश का पानी भर गया था. पता चला था कि बेसमेंट में कोचिंग सेंटर की लाइब्रेरी चलती थी. इन तीन छात्रों के डूबने के मामले में CBI ने अपनी चार्जशीट सबमिट की है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक CBI ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट सबमिट की है. CBI के मुताबिक छात्रों को बेसमेंट का इस्तेमाल करने की अनुमति देकर कोचिंग सेंटर ने उनकी जान जोखिम में डाली. इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले में CBI भ्रष्टाचार के एंगल की भी जांच कर रही है.

CBI की चार्जशीट के मुताबिक 27 जुलाई को भारतीय मौसम विभाग के मानकों के अनुसार मध्यम बारिश हुई थी. इसी बारिश में Rau’s IAS Study Circle के सामने मुख्य सड़क पर पानी भर गया था. ये बात आरोपी के वकील के इस दावे के विपरीत है कि घटना के दिन 'भारी बारिश' हुई थी. जांच एजेंसी ने कहा कि शाम को, घटना के समय लगभग 30 छात्र बेसमेंट में थे.

CBI के मुताबिक घटना वाले दिन कोचिंग सेंटर के मेन एंट्रेस गेट की रोड से जब एक SUV गुजरी, तो पानी के दबाव से गेट टूट गया. इससे बेसमेंट में पानी भर गया था. CBI ने आगे आरोप लगाया कि इलाके में जल निकासी व्यवस्था बाढ़ के पानी को संभालने के लिए पर्याप्त नहीं थी. हालांकि, आरोपपत्र में बताया गया है कि घटना के दिन इलाके में दिल्ली जल बोर्ड का कोई पाइप नहीं फटा था.

जांच एजेंसी ने IIT दिल्ली की एक रिपोर्ट भी पेश की, जिसमें कहा गया था कि बिल्डिंग के मेन एंट्रेंस गेट बाढ़ के पानी को रोकने के लिए काफी नहीं थे. एजेंसी ने बताया कि IIT दिल्ली के विशेषज्ञों द्वारा किए गए निरीक्षण में पाया गया कि बेसमेंट में पानी घुसने से रोकने के लिए 8 इंच के ‘राइजर’ बनाए गए थे और पानी को बाहर निकालने के लिए दो पंप लगाए गए थे. 

CBI ने इमारत के अगस्त 2021 के कंप्लीशन-कम-ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट का हवाला देते हुए कहा,

"बेसमेंट के सभी चार सह-मालिकों ने... बेसमेंट को M/s Rau’s IAS Study Circle को व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किराए पर दिया था, जबकि उन्हें पता था कि बेसमेंट का इस्तेमाल केवल घरेलू भंडारण, पार्किंग आदि के लिए किया जा सकता है."

मालिकों को 4 लाख रुपये का मासिक किराया मिलता था. वहीं दिल्ली नगर निगम (MCD) ने 4 अगस्त, 2023 को कोचिंग सेंटर को संपत्ति का दुरुपयोग रोकने के निर्देश के साथ कारण बताओ नोटिस जारी किया था. 

जांच एजेंसी के मुताबिक दुर्घटना से एक महीने पहले बेसमेंट का इस्तेमाल कोचिंग के लिए होने की शिकायत भी की गई थी. ये शिकायत सिविल सेवा की तैयारी कर रहे किशोर सिंह कुशवाह ने ऑनलाइन दर्ज कराई थी.

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जांच एजेंसी ने अक्टूबर में छह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. इन आरोपियों में बिल्डिंग के चार सह-मालिक परविंदर सिंह, हरविंदर सिंह, सरबजीत सिंह और तजिंदर सिंह, कोचिंग सेंटर के CEO अभिषेक गुप्ता और सेंटर के कोऑर्डिनेटर देशपाल सिंह का नाम है. फिलहाल सभी आरोपी अंतरिम जमानत पर बाहर हैं.

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