The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • centre issues new guidelines f...

अब कोचिंग सेंटर्स के लिए सफलता की सौ फीसदी गारंटी देना आसान न होगा, नहीं माने तो बुरा फंसेंगे

कोचिंग सेंटर्स के भ्रामक विज्ञापन को लेकर राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर कई शिकायतें आ रही थीं. जिसके बाद 18 कोचिंग संस्थानों के खिलाफ 54 नोटिस जारी किए गए हैं. इन पर करीब 54.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. साथ ही सरकार ने कोचिंग संस्थानों के भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए नई गाइडलाइन जारी की हैं.

Advertisement
centre issues new guidelines for coaching centre on misleading advertisement
कोचिंग सेंटर के भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है. (तस्वीर:PTI)
pic
शुभम सिंह
13 नवंबर 2024 (Published: 07:17 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थान सफलता के बड़े-बड़े दावे करते हैं. कोचिंग संस्थानों के बाहर होर्डिंगों में सफलता की गारंटी के 100 प्रतिशत तक दावे किए जाते हैं. ऐसे दावों को पढ़कर आमजन भ्रमित होते हैं. लेकिन अब इन भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने का इंतजाम किया गया है. केंद्र सरकार ने कोचिंग संस्थानों के भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी हैं.

सरकार की प्रेस और इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की प्रेस रिलीज के अनुसार, यह गाइडलाइन उपभोक्ता मंत्रालय ने जारी की है. इस गाइडलाइन का नाम है, कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापन की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश 2024. इसके तहत 100 शत-प्रतिशत चयन या नौकरी की पूरी गारंटी जैसे झूठे दावों पर रोक लगाने को कहा गया है. कोचिंग संस्थानों को सिलेबस, फैक्लटी से संबंधित दावे, फीस के स्ट्रक्चर, परीक्षा में चयन की दर और रैंक के बारे में झूठे दावे करने से प्रतिबंधित किया गया है. इसके अलावा परीक्षा में चयन की गारंटी या वेतन वृद्धि के दावे करने पर भी रोक लगाई गई है.  

कोचिंग सेंटर्स के भ्रामक विज्ञापन को लेकर राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर कई शिकायतें आ रही थीं. जिसके बाद इससे निपटने के लिए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने एक मसौदा तैयार किया. CCPA ने अब तक 18 कोचिंग संस्थानों के खिलाफ 54 नोटिस जारी किए हैं. इन पर करीब 54.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने एक बयान में कहा,

“हमने पाया है कि कोचिंग संस्थान जानबूझकर अभ्यर्थियों से जानकारी छिपा रहे हैं. इसलिए, हम कोचिंग उद्योग में शामिल लोगों को मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए दिशानिर्देश लेकर आए हैं.”

विज्ञापन के लिए किसकी इजाजत जरूरी?

किसी भी प्रतियोगी परीक्षा का परिणाम आने के बाद कई कोचिंग संस्थान दावे करते हैं कि टॉपर उनके यहां से ही पढ़कर निकला है. इससे लोग भ्रमित होते हैं कि सच कौन बोल रहा है और कौन बोल रहा है झूठ. अब इन पर भी रोक लगाए जाने की बात कही जा रही है.

यह भी पढ़ें: चुनाव में शरद पवार के नाम का इस्तेमाल, सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट को बुरी तरह सुना दिया

नई गाइडलाइन के अनुसार, कोचिंग संस्थान सफल अभ्यर्थियों की लिखित सहमति के बिना उनके नाम और तस्वीर या संस्थान की प्रशंसा में उनकी टिप्पणियों का इस्तेमाल नहीं कर सकते. उन्हें अस्वीकृति को प्रमुखता से दिखाना चाहिए और सिलेबस के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा करना चाहिए.

निधि खरे ने कहा,

“सिविल सेवा परीक्षा के कई अभ्यर्थी प्रारंभिक और मुख्य परीक्षाएं खुद अध्ययन करके ही उत्तीर्ण कर लेते हैं और कोचिंग संस्थानों से केवल साक्षात्कार के लिए मार्गदर्शन लेते हैं. ऐसे में कोचिंग संस्थानों को यह बात स्पष्ट करनी होगी कि ऐसे किसी अभ्यर्थी ने उनके यहां से केवल साक्षात्कार की तैयारी की है.”

ये प्रावधान मौजूदा कानूनों के अतिरिक्त हैं. इससे पहले अगस्त, 2024 में भ्रामक विज्ञापन दिखाने के चलते दिल्ली की एक कोचिंग सेंटर के खिलाफ 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था. यह जुर्माना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (2019) के तहत लगाया गया था.

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर जारी की गाइडलाइन, कहा- 'बिना नोटिस मकान तोड़ा तो...'

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement