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हंसी खुशी खेल रहे थे बच्चे, दशकों पुराना ग्रेनेड फटने से मौत हो गई, कभी जंग का मैदान थी ये जगह

Cambodia: बच्चों के माता-पिता इसी जमीन पर रहने के लिए आए थे, जो कभी जंग का मैदान हुआ करती थी. वे इस बात से बेखबर थे कि उनके घर के आस-पास कोई हथियार या ग्रेनेड दबे हो सकते हैं.

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25 साल पुराने ग्रेनेड में विस्फोट होने से 2 बच्चों की मौत (फोटो: AP)

कंबोडिया में दशकों पुराने एक ग्रेनेड में विस्फोट (Cambodia Grenade Blast) होने से दो बच्चों की मौत हो गई. यह हादसा उस वक्त हुआ, जब बच्चे खेलते वक्त ग्रेनेड की चपेट में आ गए और उसमें अचानक विस्फोट हो गया. दरअसल, इस जगह पर 1980 और 90 के दशक में कंबोडियाई सरकारी सैनिकों और कम्युनिस्ट खमेर रूज के विद्रोही गुरिल्लाओं के बीच भीषण लड़ाई हुई थी. बताया जा रहा है कि बच्चों के माता-पिता इसी जमीन पर रहने के लिए आए थे, जो कभी जंग का मैदान हुआ करती थी. वे इस बात से बेखबर थे कि उनके घर के आस-पास कोई हथियार या ग्रेनेड दबे हो सकते हैं.

25 साल पुराना था ग्रेनेड

द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, यह हादसा शनिवार, 22 फरवरी को सिएम रीप प्रांत के स्वे लेउ जिले में हुआ. कंबोडियन माइन एक्शन सेंटर के डायरेक्टर जनरल हेंग रतना ने बताया कि सेंटर ने टुकड़ों का विश्लेषण करने के बाद पता लगाया कि यह लगभग 25 साल पुराना रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड (कंधे पर रखकर दागे जाने वाले मिसाइल हथियार में यूज होने वाला ग्रेनेड) था. उन्होंने कहा कि यह दुखद है क्योंकि बच्चे बहुत छोटे थे और उनके साथ यह सब नहीं होना चाहिए था. उन्होंने बताया कि पुराने और बिना प्रयोग किए गए हथियार विशेष रूप से ज्यादा खतरनाक होते हैं. क्योंकि वक्त के साथ खराब होने पर उनकी विस्फोटक सामग्री अस्थिर हो जाती है.

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जंग खत्म, लेकिन निशां अभी भी…

DG हेंग रतना ने बताया कि ऐसा अनुमान है कि जंग के बाद, कंबोडिया के ग्रामीण इलाकों में 4 से 6 मिलियन टन की बारूदी सुरंगें और बिना प्रयोग किए हथियार बिखरे पड़े थे. ये हथियार, 1970 में शुरू हुए और 1998 में खत्म हुए संघर्ष के दौरान के थे. आगे उन्होंने कहा,

‘युद्ध पूरी तरह से खत्म हो चुका है और 25 साल से ज्यादा समय से पूरी तरह से शांति है. लेकिन बारूदी सुरंगों और गोला-बारूद के अवशेषों के कारण खमेर (कंबोडियन) लोगों का खून बह रहा है.’

रिपोर्ट के मुताबिक, कंबोडिया में लड़ाई खत्म होने के बाद से अब तक करीब 20,000 लोग इसी तरह मारे जा चुके हैं. वहीं, तकरीबन 45,000 लोग घायल हुए हैं, जो बचे हुए युद्ध विस्फोटकों की चपेट में आ गए. 

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