एड-टेक फर्म बायजू (Byju's). कभी टीम इंडिया की जर्सी पर मोटे-मोटे अक्षर में दिखने वाली कंपनी के हालात दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं. Byju's का आर्थिक संकट लगातार गहराता जा रहा है. मीडिया रिपोटर्स के मुताबिक, कंपनी के हालात इतने खराब हो चुके हैं कि उनके पास कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं. इस वजह से कंपनी के फाउंडर बायजू रविंद्रन (Byju Raveendran) को अपना घरों तक को गिरवी रखना पड़ा है.
बायजू रविंद्रन घर गिरवी रख देंगे वर्कर्स को सैलरी, ऐसी हालत हो जाएगी किसने सोचा था!
Byju's के हालात इतने खराब हो चुके हैं कि उनके पास कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं. इस वजह से कंपनी के फाउंडर Byju Raveendran को अपना घर तक गिरवी रखना पड़ा है.
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Bloomberg की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले काफी समय से Byju's के कर्मचारियों की सैलरी अटकी हुई है. ऐसे में उन्हें सैलरी देने को लेकर बायजू रविंद्रन ने बेंगलुरु स्थित अपने घरों को गिरवी रखकर पैसे जुटाए हैं, जिनसे कर्मचारियों को सैलरी दी जाएगी. रिपोर्ट में बताया गया है कि बेंगलुरु में बायजू रविंद्रन के परिवार के स्वामित्व वाले दो घर और एक निर्माणाधीन विला हैं. जिन्हें उन्होंने करीब 100 करोड़ रुपये उधार लेने के लिए गिरवी रख दिया है. इस रकम के जरिए एडटेक कंपनी तकरीबन 15,000 कर्मचारियों को उनकी सैलरी देगी.
दरअसल, कंपनी के साथ समस्या और भी गहरी है. वित्तीय संकट के साथ-साथ टीम को कानूनी लड़ाई भी लड़नी पड़ रही है. हाल ही में ऐसी खबर आई थी कि बायजू ने BCCI को ₹158 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया था. जिसके बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने BYJU's के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) का दरवाजा खटखटाया है.
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दो हफ्ते में जवाब मांगाBCCI बनाम मेसर्स थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड मामले को लेकर 28 नवंबर को न्यायिक सदस्य के बिश्वाल और तकनीकी सदस्य मनोज कुमार दुबे ने इस मामले में बायजू से जवाब मांगा था. बार एंड की बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले को लेकर NCLT को सूचित किया गया था कि बायजू को इस साल 6 जनवरी को एक नोटिस भेजा गया था. नोटिस 158 करोड़ रुपये के भुगतान से जुड़ा था. 4 दिसंबर को मामले की सुनवाई करते हुए NCLT ने बायजू को दो हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है. NCLT अब 22 दिसंबर को मामले की अगली सुनवाई करेगी.
2022 में खत्म हुआ था कॉन्ट्रैक्टमीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, BCCI ने जिस 158 करोड़ रुपये के भुगतान की बात की है, वो भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी को स्पॉन्सर करने के कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ा है. ये कॉन्ट्रैक्ट BCCI और बायजू के बीच साल 2019 में साइन हुआ था. बायजू ने इस कॉन्ट्रैक्ट में मोबाइल फोन कंपनी ओप्पो की जगह ली थी. बायजू के साथ BCCI का ये स्पॉन्सर कॉन्ट्रैक्ट साल 2022 में खत्म हो गया था. लेकिन बाद में इसे 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया था.
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