The Lallantop

टॉयलेट के फर्श की टाइल्स पर महात्मा गांधी की तस्वीर लगाने वाले नप गए

दो लोगों की नौकरी पर भारी पड़ गया स्वच्छ भारत अभियान के साथ ऐसा प्रयोग.

Advertisement
post-main-image
महात्मा गांधी.
गांधीजी का प्रशासन से चोली-दामन का साथ है. देश के किसी ना किसी कोने में वो विवाद में ज़रूर मौजूद रहते हैं. ऐसा भी हो सकता है कि प्रशासन को उनसे ही कोई खास लगाव हो. फिलहाल गांधीजी के लिए ये लगाव दिखाया है Bulandshahr प्रशासन ने. यहां के गांव में स्वच्छ भारत मिशन के अंडर टॉयलेट बनने थे. इसके फर्श पर टाइलें लगाई जानी थीं. प्रशासन ने सोचा कि अगर उन पर गांधी जी की तस्वीर रहे तो कितना अच्छा हो. अब हमारे यहां सरकार कितनी भी धीमी काम करे लेकिन ऐसे मौके पर अतिरिक्त मुस्तैदी दिखाती है. केवल गांधी ही नहीं नेशनल सिंबल अशोक चक्र को भी फोटो लगा दी. 3 जून को जब लोगों को पता चला कि हमारे राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान हो रहा है तो उन्होंने शिकायत की. हालांकि एक हफ्ते तक इस हरकत पर लोगों का भी ध्यान नहीं गया. जैसे ही ये बात हाईलाइट हुई तो एक अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया. गांव के प्रधान को भी इस गुस्ताखी को के लिए प्रशासन के कोप का भाजन बनना पड़ा. प्रशासन ने अपनी तरह से सफाई जारी कर दी है. जिला पंचायती राज अधिकारी अमरजीत सिंह ने बताया-
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत डिबाई तहसील के इच्छावाड़ी गांव में 508 टॉयलेट बनाए जाने थे.  इनमें से कुल 13 टॉयलेट ऐसे थे जिनकी टाइल्स पर महात्मा गांधी तस्वीर और अशोक चक्र के सिंबल बने हुए थे. गांव के प्रधान और एक अधिकारी के खिलाफ एक्शन लिया गया है. 
जिला विकास अधिकारी संतोष कुमार सस्पेंड हुए हैं जबकि गांव की प्रधान सावित्री देवी का जॉइंट अकाउंट सीज़ कर दिया गया है. दोनों यही सोचे रहे होंगे- गांधी नौकरी के लिए तू तो हानिकारक है. शेष गांधी जी टॉयलेट में रखे जा सकते हैं या नहीं रखे जा सकते वाली बहस में हम नहीं पड़ते. बापू को कहां रखना है. इस फ़िल्मी सीन से ही सीख लें.
वीडियो: डॉक्टर ने मरीज़ को धुन दिया, लेकिन उससे पहले ये हुआ था

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement