
सुमित (बाएं) और इंस्पेक्टर सुबोध सिंह 3 दिसंबर को हुई हिंसा में मारे गए थे.
बुलंदशहर के एसएसपी प्रभाकर चौधरी के मुताबिक हिंसा के दौरान कलुआ नाम के आदमी ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह पर कुल्हाड़ी से हमला किया था. हमले के बाद से ही कलुआ फरार हो गया था. वीडियो फुटेज के आधार पर पुलिस उसकी तलाश कर रही थी. 1 जनवरी, 2019 की सुबह जब लोग नए साल के जश्न में थे, पुलिस की एक टीम ने छापा मारकर कलुआ को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस का दावा है कि कलुआ के पास से वो कुल्हाड़ी भी बरामद कर ली गई है, जिससे उसने इंस्पेक्टर सुबोध पर हमला किया था. इससे पहले पुलिस ने 27 दिसंबर को प्रशांत नट नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया था. पुलिस का दावा है कि पहले कलुआ ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह पर कुल्हाड़ी से हमला कर उन्हें घायल कर दिया और फिर प्रशांत नट ने सुबोध सिंह की पिस्टल छीनकर उन्हें गोली मार दी.

बुलंदशहर पुलिस ने कुल्हाड़ी मारने वाले कलुआ (बाएं) और गोली मारने वाले प्रशांत (दाएं) को गिरफ्तार कर लिया है. भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने का मुख्य आरोपी योगेश राज (बीच में) अब भी फरार है.
इस हिंसा की जांच के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से एसआईटी का गठन किया गया है. एसआईटी अब भी इस मामले की जांच कर रही है. वहीं पुलिस लगातार इस मामले में गिरफ्तारी कर रही है. हालांकि पुलिस ने शुरुआती तौर पर जिस योगेश राज को हिंसा का मुख्य आरोपी बताया था, वो अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है. योगेश राज बुलंदशहर के बजरंग दल का जिला संयोजक है और इसी वजह से उसकी गिरफ्तारी न होने पर विपक्ष सरकार पर सवाल खड़े कर रहा है.
Bulandshahar में हुई Inspector Subodh Singh और Sumit की हत्या के बाद The Lallantop की Ground Report