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मायावती ने आकाश आनंद को क्या हटाया, सपा-कांग्रेस ही नहीं BJP वाले भी हमलावर हो गए

BSP सुप्रीमो Mayawati ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी कोर्डिनेटर और उत्तराधिकारी के पद से क्या हटाया, उन पर विपक्षी हमले शुरु हो गए. एक तरफ जहां Congress और सपा ने बसपा-भाजपा की मिलीभगत के आरोप लगाए. वहीं BJP ने भी बहन जी की घेराबंदी कर डाली.

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एक भाषण की वजह से आकाश आनंद विवाद में घिर गए थे. (फ़ोटो - एजेंसी)

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती (Mayawati) ने अपने भतीजे और चुने हुए उत्तराधिकारी आकाश आनंद (Akash Anand) को पार्टी के नेशनल कनवेनर के पद से हटा दिया है. ये कहते हुए कि वो अभी 'परिपक्व' नहीं हैं. लोकसभा चुनाव के बीच BSP सुप्रीमो के इस क़दम ने उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को मौक़ा दे दिया. भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने रिऐक्ट किया है.

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क्या कहा?

भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा,

मायावती बहुजन समाज पार्टी को एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह चलाती हैं. इसीलिए उनके जी में जो आता है, वैसा निर्णय कर देती हैं. वहां सिर्फ़ एक ही व्यक्ति है. जो चाहती हैं, वही होता है. आकाश आनंद जिस तरीक़े के ग़ैर-ज़िम्मेदाराना बयान दे रहे थे और भाजपा को लेकर अपमानजनक टिप्पणी कर रहे थे, इससे जनता के बीच आक्रोश पैदा हो रहा था. इसी नाते मायावती जी ने इस बात को महसूस किया. 

लेकिन मायावती, जो बसपा को एक मिशन की तरह माना करती थीं, वो अब कमीशन में तब्दील हो गया है. क्या वो इसमें कुछ बदलाव कर पाएंगी? क्या परिवार के अलावा किसी सामान्य दलित को पार्टी की कमान सौंप पाएंगी?

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आकाश आनंद, मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं. हाल ही में उनके ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश के सीतापुर में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का केस दर्ज किया गया था. एक रैली में बोलते हुए उन्होंने सरकार को 'आतंकवादियों की सरकार', 'तालिबान की सरकार' बता दिया था.

ये भी पढ़ें - बसपा को आकाश से क्या उम्मीदें कि उत्तराधिकारी बना दिए गए?

राज्य की दूसरी बड़ी पार्टी, बसपा की प्रतिद्वंदी और महागठबंधन की पूर्व पार्टनर समाजवादी पार्टी की तरफ़ से भी रिएक्शन आया है. पार्टी प्रवक्ता फखरूल चांद हसन का कहना है,

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बसपा और भाजपा का अघोषित गठबंधन है, जिसको जनता देख रही है. जिस तरीक़े से बसपा के टिकटों का बंटवारा हुआ और कई उम्मीदवारों को बदलने का फ़ैसला लिया गया, इसमें कहीं न कहीं भाजपा का प्रभाव नज़र आता है. आज जिस तरीक़े से आकाश आनंद को उनके पदों से बर्ख़ास्त किया गया है, वो इसी को पुख़्ता करता है. 

आकाश आनंद लगातार भारतीय जनता पार्टी से सवाल पूछ रहे थे और सवाल भाजपा को चुभ भी रहे थे. ऐसे में मायावती जी ने आकाश आनंद को पद से मुक्त करके ये बात जग-ज़ाहिर कर दी है कि बसपा और भाजपा का अघोषित गठबंधन है. जनता सब देख रही है.

बसपा के टिकट बंटवारे को लेकर सूबे में कुछ विवाद हुआ था. राजनीति समझने वालों ने भी इस तरफ़ इशारा किया था कि राज्य में कई सीटों पर ऐसे उम्मीदवार खड़े किए गए हैं, जो सपा या कांग्रेस के वोट काट सकते हैं. हालांकि, कई ऐसे भी दावेदार हैं, जो भाजपा को नुक़सान पहुंचाएंगे.

कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने साफ़ कहा कि मायावती किसको किस पद पर रखती हैं, किसे पद से हटाती हैं, ये उनका आंतरिक मामला है. लेकिन इस बात की ओर इशारा किया कि अगर मायावती को आकाश एमेच्योर (अपरिपक्व) लगते हैं, तो उन्हें कोऑर्डिनेटर का पद दिया ही क्यों गया. बसपा पर भाजपा की बी-टीम होने का आरोप लगाते हुए पूछा कि जब भाजपा को घेरने लगे, तभी पद से क्यों हटाया गया?

बुधवार, 8 मई की ख़बर ये है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने आकाश आनंद की सभी रैलियां कैंसिल कर दी हैं. अब मायावती उन सभी जगह ख़ुद रैलियां करेंगी. 

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