ओडिशा में नवीन पटनायक की सत्ता जाने के बाद अगले मुख्यमंत्री की घोषणा होने में कुछ ही समय बचा है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने दम पर बहुमत हासिल कर सरकार बनाने जा रही है. लेकिन पार्टी मुख्यमंत्री चुनने के साथ, 'मुख्यमंत्री आवास' भी खोज रही है. दरअसल, मुख्यमंत्री बनने के बाद नवीन पटनायक अपने निजी आवास से ही काम करते थे. इसी को मुख्यमंत्री आवास बना दिया गया था. इसे 'नवीन निवास' के नाम से जाना जाता है.
ओडिशा में BJP सिर्फ CM नहीं, मुख्यमंत्री आवास भी खोज रही, वजह नवीन पटनायक हैं!
बीजेपी ने 78 सीटें जीतकर राज्य में बहुमत हासिल किया है. 11 जून की शाम मुख्यमंत्री चुनने के लिए बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय में विधायक दल की बैठक होने जा रही है.
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पटनायक पिछले 24 सालों से सारे सरकारी और प्रशासनिक काम अपने निजी आवास से ही काम करते रहे. साल 2000 में पहली बार नवीन पटनायक मुख्यमंत्री बने थे. अगर इस बार फिर वे सीएम बनते तो सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड उनके नाम हो जाता. अभी ये रिकॉर्ड सिक्किम के पूर्व सीएम पवन कुमार चामलिंग के नाम है.
NDTV की एक रिपोर्ट बताती है कि मुख्यमंत्री की घोषणा से पहले राज्य प्रशासन सीएम के आधिकारिक आवास की तलाश में जुटा है. एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि मौजूदा मुख्यमंत्री शिकायत सेल के साथ-साथ कई खाली सरकारी क्वार्टर को शॉर्टलिस्ट किया गया है. हालांकि, जगह चुने जाने के बाद भी मुख्यमंत्री को तुरंत शिफ्ट नहीं किया जाएगा. उस जगह पर रेनोवेशन का काम होगा. अस्थायी रूप से प्रशासन नए मुख्यमंत्री के लिए एक स्टेट गेस्ट हाउस को तैयार करने की योजना बना रहा है.
बीजेपी ने 78 सीटें जीतकर राज्य में बहुमत हासिल किया है. राज्य विधानसभा में कुल 147 सीटें हैं. 11 जून की शाम मुख्यमंत्री चुनने के लिए बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय में विधायक दल की बैठक होने जा रही है. केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और भूपेंद्र यादव इस बैठक के लिए पर्यवेक्षक चुना गया है. दोनों पहले से भुवनेश्वर में मौजूद हैं.
मुख्यमंत्री के नामों पर चर्चा तेजकेंद्रीय मंत्रिमंडल में शपथ ग्रहण से पहले धर्मेंद्र प्रधान का नाम लिया जा रहा था. लेकिन उनके केंद्रीय शिक्षा मंत्री बनने के बाद अब मुख्यमंत्री की रेस में सबसे पहला नाम ब्रजराजनगर से विधायक सुरेश पुजारी का चल रहा है. एक दिन पहले, यानी 10 जून को वे दिल्ली से लौटे हैं. इसके अलावा ओडिशा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल नाम भी चर्चा में है. हालांकि, सामल विधानसभा चुनाव में चांदबली सीट से हार गए थे. केवी सिंह और मोहन माझी के नाम पर भी अटकलें चल रही हैं.
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इसके अलावा भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) गिरीश मुर्मू का भी नाम पर चर्चा है. जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब मुर्मू उनके चीफ सेक्रेटरी रहे थे. हालांकि खबरें ये भी है कि पार्टी मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तरह किसी नए नाम को सामने लाकर सरप्राइज दे सकती है.
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