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"कांशीराम को मिले भारत रत्न" कहने वाले BJP सांसद ने अब क्या कहा?

हाल ही में BJP सांसद अरुण कुमार सागर ने बसपा संस्थापक कांशीराम को भारत रत्न दिए जाने की मांग की थी. बसपा सुप्रीमो मायावती ने BJP सांसद की इस मांग पर प्रतिक्रिया दी थी. कहा था कि सांसद केंद्र में अपनी सरकार से तुरंत कांशीराम को ये सम्मान दिलवाएं, नहीं तो, इसकी आड़ में दलितों को गुमराह करना बंद करें.

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बसपा संस्थापक कांशीराम के लिए भारत रत्न की मांग करने वाले BJP सांसद अरुण कुमार सागर. (फोटो: X)

BJP सांसद अरुण कुमार सागर ने हाल ही में बसपा संस्थापक कांशीराम को भारत रत्न दिए जाने की मांग की. बसपा सुप्रीमो मायावती ने उनकी इस मांग का X पर पोस्ट कर समर्थन किया. साथ ही, ये भी कहा कि सिर्फ इसकी मांग करने की बजाए BJP सांसद केंद्र में अपनी सरकार से तुरंत कांशीराम को ये सम्मान दिलवाएं. नहीं तो, इसकी आड़ में दलितों को गुमराह करना बंद करें. अब BJP सांसद ने मायावती की बात का जवाब दिया है. इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में अरुण कुमार सागर ने कहा है कि वो किसी को गुमराह नहीं कर रहे हैं, उन्होंने कांशीराम को भारत रत्न दिए जाने की, जो मांग की है, वो उनकी भावना है.

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अरुण कुमार सागर यूपी में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित शाहजहांपुर सीट से BJP सांसद हैं. उन्होंने कांशीराम को भारत रत्न दिए जाने की मांग 25 जुलाई को लोकसभा में की थी. उन्होंने कांशीराम की प्रशंसा करते हुए उन्हें बहुजन नायक बताया था. कहा था कि कांशीराम ने अपना जीवन दलितों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया. 

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BJP सांसद की इस मांग पर BSP सुप्रीमो मायावती ने X पर प्रतिक्रिया दी,

"यूपी बीजेपी के एक दलित सांसद द्वारा BSP के जन्मदाता व संस्थापक मान्यवर श्री कांशीराम जी को भारतरत्न की उपाधि देने की मांग करने की बजाए केंद्र की सत्ता में अपनी सरकार से इसे तुरंत दिलवाएं, जिसका BSP भी दिल से स्वागत करेगी, वरना इसकी आड़ में दलितों को गुमराह करना बंद करें."

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वहीं इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में BJP सांसद अरुण कुमार सागर ने कहा,

"मैं कांशीराम के लिए इस सम्मान की मांग करता हूं क्योंकि उन्होंने समाज को बदला. उन्होंने दलितों और पिछड़े समुदायों के लिए बलिदान दिया. मुझे उम्मीद है कि पीएम मोदी, जो हमेशा दलितों, शोषित वर्गों और समाज के पिछड़ों के हित में बात करते हैं, कांशीराम को भारत रत्न से सम्मानित करेंगे."

मायावती की प्रतिक्रिया पर उन्होंने कहा,

"मैं बहनजी (मायावती) का सम्मान करता हूं. वो अपनी पार्टी (BSP) की प्रमुख हैं और जो चाहें बोल सकती हैं. मैंने जो मांग की है, वो मेरी भावना है और मैं किसी को गुमराह नहीं कर रहा हूं."

अरुण कुमार सागर जाटव दलित समाज से आते हैं. उनकी राजनीतिक शुरुआत BSP से हुई थी. वो 2007 से 2012 तक मायावती सरकार में राज्य मंत्री भी रहे हैं. साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव वो हार गए थे. उसके बाद 2015 में वो भाजपा में शामिल हो गए. वर्तमान में वे राज्य में जाटव समुदाय से आने वाले इकलौते दलित BJP सांसद हैं.

2024 के लोकसभा चुनाव में दलितों के वोट सपा-कांग्रेस गठबंधन की तरफ ट्रांसफर होने की बात पर अरुण कुमार बोले,

"मैं 25 साल से राजनीति में हूं. जाटव समुदाय ने कभी सपा को वोट नहीं दिया. लेकिन इस बार, BJP ने झूठा प्रचार किया कि भाजपा संविधान बदल देगी और आरक्षण खत्म कर देगी. इससे भाजपा को नुकसान पहुंचा. भाजपा समय रहते इस ‘दुष्प्रचार’ का मुकाबला नहीं कर सकी."

उन्होंने कहा कि जो लोग भाजपा से दूर चले गए हैं, वे वापस आएंगे क्योंकि उन्हें सपा-कांग्रेस गठबंधन को वोट देने की अपनी गलती का एहसास हो गया है.

वीडियो: UP चुनाव: BSP को खड़ा करने वाले पुराने नेताओं ने मायावती और कांशीराम के बारे में क्या बताया?

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