पहलगाम हमले का बदला लेते हुए भारत ने पाकिस्तान में 9 आतंकवादी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया है. मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात हुई कार्रवाई ने पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया है. इसके बाद से ही पड़ोसी देश के नेता भारत के खिलाफ बहुत कुछ उगल रहे हैं. लेकिन कुछ की अकड़ ढीली पड़ती दिख रही है.
ऑपरेशन सिंदूर: सिंधु नदी में 'भारत का खून बहाने' वाले बिलावल भुट्टो अब क्या कह रहे?
शहबाज शरीफ सरकार की सहयोगी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के बिलावल भुट्टो जरदारी ने पहलगाम हमले का जिक्र कर कहा कि उनके ‘हाथ तो साफ’ हैं और भारत ने उकसावे के बिना युद्ध जैसी कार्रवाई की है.

शहबाज शरीफ सरकार की सहयोगी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के बिलावल भुट्टो जरदारी ने पहलगाम हमले का जिक्र कर कहा कि उनके ‘हाथ तो साफ’ हैं और भारत ने उकसावे के बिना युद्ध जैसी कार्रवाई की है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लगातार जांच में सहयोग देने की बात कर रहा था, लेकिन भारत ने इस पेशकश को ठुकरा दिया.
SKY न्यूज चैनल से बात करते हुए बिलावल भुट्टो ने कहा कि भारत की ओर से रात में किए गए हवाई हमले ‘बिना किसी उकसावे के जानबूझकर’ किए गए थे. उन्होंने भी इसे ‘एक्ट ऑफ वॉर’ कहा है. पहलगाम आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए भुट्टो ने कहा,
पिछले 2 हफ्तों से पाकिस्तान को भारत से आक्रामक धमकियां मिल रही हैं. हमने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि हमारे हाथ साफ हैं. हमने किसी भी तरह के आरोपों की निष्पक्ष जांच की पेशकश की है, लेकिन दुर्भाग्य से भारत ने पाकिस्तान के उन प्रस्तावों को ठुकरा दिया. इसके बजाय निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया.
ऑपरेशन सिंदूर पर भुट्टो ने कहा कि पाकिस्तान के पास संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत जवाब देने का अधिकार है.
बता दें कि पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया था. तब भुट्टो ने कहा था कि सिंधु में या तो उनका पानी बहेगा या फिर भारत के लोगों का खून. हालांकि, एयर स्ट्राइक से ठीक एक दिन पहले भुट्टो के सुर बदल गए थे. मंगलवार को पाकिस्तान की असेंबली में भाषण देते हुए भुट्टो भारत को अमन के रास्ते पर चलने की सीख देते दिखे थे. यहां उन्होंने कहा था कि भारत अगर अमन चाहता है तो वो खुले हाथों के साथ आए. मुट्ठियां बंद करके नहीं. झूठ नहीं, सच्चाई लेकर सामने आए. बिलावल ने जोर देकर कहा, “हम पड़ोसी हैं. चलिए बैठते हैं और बात करते हैं.”
वीडियो: ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्षी नेताओं ने क्या प्रतिक्रिया दी?