बिहार की राजधानी पटना में RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) के आवास के बाहर लगे एक पोस्टर पर विवाद खड़ा हो गया है. पोस्टर पर लिखा है- मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी का मार्ग और स्कूल का मतलब होता है- जीवन में प्रकाश का मार्ग. ये लाइन पोस्टर पर लिखे एक कोट का हिस्सा है. जिसके नीचे सावित्री बाई फुले का नाम लिखा है. माने पोस्टर के मुताबिक, ये सावित्री बाई फुले का कथन है. 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. ऐसे में मंदिर से जुड़े इस कोट वाले इस पोस्टर के लगने के बाद से बिहार में सियासी पारा चढ़ गया है.
लालू के घर के बाहर लगे इस पोस्टर में क्या लिखा कि बवाल हो गया?
लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (Lalu Yadav RJD) के विधायक फतेह बहादुर सिंह (Fateh Bahadur Singh) ने एक पोस्टर लगवाया है, जिसमें मंदिरों को लेकर विवादित टिप्पणी है. ये पोस्टर तब लगा है, जब 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Ayodhya Inauguration) होनी है.

आजतक से जुड़े शशि भूषण की खबर के मुताबिक, पटना में लालू प्रसाद यादव के 10 सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास के बाहर RJD विधायक फतेह बहादुर सिंह की तरफ से ये पोस्टर लगवाया गया है. इसमें लालू, राबड़ी और उनके बेटे और बिहार के डिप्टी CM तेजस्वी यादव की तस्वीरें हैं. एक तरफ बड़ी सी तस्वीर फतेह बहादुर सिंह की है. नाम के आगे लिखा है- निवेदक. पोस्टर पर 7 जनवरी को सावित्री बाई फुले की जयंती के दिन RJD के तत्वावधान में प्रस्तावित एक कार्यक्रम की जानकारी लिखी है और उनके नाम से एक कोट लिखा है-
“मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी का मार्ग और स्कूल का मतलब होता है जीवन में प्रकाश का मार्ग. जब मंदिर की घंटी बजती है तो हमें संदेश देती है कि हम अंधविश्वास, पाखंड, मूर्खता और अज्ञानता की ओर बढ़ रहे हैं और जब स्कूल की घंटी बजती है तो यह संदेश मिलता है कि हम तर्कपूर्ण ज्ञान और वैज्ञानिकता व प्रकाश की ओर बढ़ रहे हैं. अब तय करना है कि आपको किस ओर जाना चाहिए?”
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा,
"जितने लोग हिंदू धर्म पर कटाक्ष करते हैं वो चाहे RJD के मंत्री हों, विधायक हों, चाहे उत्तर प्रदेश के हों या स्टालिन (तमिलनाडु की DMK सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन) हों, सब कायर हैं. हिम्मत है तो कुछ कुरान पर, मुहम्मद साहब पर बोल कर देखें, तब पता चलेगा कि किसी के धर्म पर बोलने का क्या नतीजा होता है."
बता दें कि फतेह बहादुर सिंह बिहार की डेहरी विधानसभा से विधायक हैं. हाल ही में उन्होंने सरस्वती और ब्रह्मा को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि 'चरित्रहीन देवी-देवताओं की पूजा नहीं की जानी चाहिए.'
उनके इस बयान पर तीखी आलोचना हुई थी. तब RJD सांसद मनोज झा से उनके इस बयान के बारे में पत्रकारों ने सवाल किया था. उन्होंने कहा था,
"आप (पत्रकार) किसी बयान का कोई ख़ास एंगल कोलन के बाद पकड़ते हैं. मेरा सीधा कहना है अभिव्यक्ति की आजादी का एक दायरा होता है. अगर कबीर (संत कबीर) आ जाएं तो आप लोग यही माइक कबीर के सामने रख देंगे."
और अब एक बार फिर फतेह बहादुर सिंह एक पोस्टर लगवाकर विवादों में आ गए हैं.
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