तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के फेक वीडियो वायरल करने के आरोपी मनीष कश्यप गिरफ्तार होंगे. इस मामले में अब तक वो गिरफ्तारी की कार्रवाई से बचे रहे. लेकिन अब बिहार पुलिस ने उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी कर दिया है. उसने ट्वीट कर जानकारी दी है कि आर्थिक अपराध इकाई (EOU) मनीष कश्यप और एक अन्य आरोपी युवराज सिंह राजपूत को जल्दी ही गिरफ्तार कर सकती है. पुलिस ने दोनों की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम की नियुक्ति भी की है. इसके अलावा आर्थिक अपराध इकाई ने दोनों से जुड़े कई बैंक अकाउंट्स भी फ्रीज कर दिए हैं.
मनीष कश्यप बुरे फंसे, बिहार पुलिस गिरफ्तार करने आ रही है
मनीष कश्यप तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की पिटाई की फर्जी खबर वायरल करने के आरोपी हैं. पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम की नियुक्ति की है.
.webp?width=360)
ट्विटर पर जानकारी साझा शेयर करते हुए बिहार पुलिस ने बताया कि मनीष कश्यप के बैंक खातों में जमा राशि को फ्रीज कर दिया गया है. पुलिस ने कुल 42 लाख 11 हजार 937 की राशि फ्रीज की है. उसका कहना है कि मनीष के SBI खाते में 3 लाख 37 हजार 496 रुपये, IDFC बैंक के खाते में 51 हजार 69 रुपये और HDFC बैंक खाते में 3 लाख 37 हजार 463 रुपये मिले हैं. वहीं, मनीष कश्यप के SACHTAK फाउंडेशन के HDFC अकाउंट में 34 लाख 85 हजार 909 रुपये जमा हैं.
इन सभी को फ्रीज कर दिया गया है. बिहार पुलिस ने ये भी बताया कि मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी कुमार तिवारी के खिलाफ वित्तीय अनियमितता के साक्ष्य भी मिले हैं. इन सभी की जांच की जा रही है.
पहले उड़ी थी अफवाहआजतक की रिपोर्ट के मुताबिक मनीष कश्यप का ट्विटर अकाउंट ब्लॉक किया जा चुका है. लेकिन, इस बीच उनके नाम से एक नया अकाउंट बनाया गया. इसमें एक ट्वीट कर ये दावा किया गया था कि बिहार पुलिस ने मनीष को गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि पुलिस ने ट्वीट कर गिरफ्तारी की बात को अफवाह बताया. पुलिस ने कहा,
“मनीष कश्यप के नाम से संचालित @manishkashyap43 ट्विटर हैंडल पर मनीष कश्यप की गिरफ्तारी की एक फोटो पोस्ट करके असत्य, अफवाह जनक एवं भ्रामक संदेश फैलाकर लोगों को भ्रमित करने के आरोप में EOU ने FIR नंबर 5/23 दर्ज किया है.”
बिहार पुलिस ने बताया कि मनीष कश्यप और युवराज सिंह राजपूत की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है. इस संबंध में छापेमारी की जा रही है.
30 फेक वीडियो मिले थेमीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर कथित हमले के कुल 30 वीडियो और सोशल मीडिया पोस्ट मिले थे. इसके बाद EOU ने इस मामले में केस दर्ज किया था. कार्रवाई करते हुए EOU ने बिहार के जमुई जिला स्थित लक्ष्मीपुर थाने के निवासी अमन कुमार को गिरफ्तार किया था. वहीं, राकेश तिवारी, युवराज सिंह राजपूत और मनीष कश्यप के खिलाफ केस दर्ज किया था.
जांच के आधार पर बिहार पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया एक वीडियो किसी की हत्या का है. आगे जांच बढ़ी तो पता चला कि ये किसी की आत्महत्या का पुराना वीडियो है और इसका बिहार में रहने वाले किसी व्यक्ति से संबंधित नहीं था. एक और वीडियो भी पुरानी घटना से संबंधित है. ये वीडियो झारखंड और बिहार के दो लोगों के व्यक्तिगत विवाद से जुड़ा था. यानी इसका भी तमिलनाडु के किसी व्यक्ति से कोई लेना देना नहीं था.
वीडियो: बिहारी मजदूरों की 'पिटाई' वायरल करने वाले मनीष कश्यप की पूरी कहानी