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बिहार की वो यूनिवर्सिटी जहां एडमिशन लेने वाले छात्र अकेले में जाकर रोते हैं

ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा करने में कितना समय लगता है?

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ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा करने में कितना समय लगता है? अमूमन लोग कहेंगे कि तीन साल में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी हो जाती है और पीजी करने में दो साल लगते हैं. अब ये अलग बात है कि कोई तीन साल में ग्रेजुएशन और दो साल में पीजी पूरी करता है या उससे ज्यादा समय लेता है. लेकिन अगर इसमें कोई यूनिवर्सिटी ही पीछे रह जाए तो? आपका सोच में पड़ना लाजमी है. लेकिन ऐसा है. बिहार की मगध यूनिवर्सिटी के छात्र सालों से ग्रेजुएशन और पीजी कोर्स में फंसे पड़े हैं, लेकिन कोर्स पूरी नहीं हो रहा, क्योंकि खुद यूनिवर्सिटी कोर्स कराने में सालों पीछे चल रही है.

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मामला क्या है?

दरअसल मगध यूनिवर्सिटी अपने छात्रों के कोर्स पूरा कराने में एक-दो नहीं कई साल लेट है. किसी का एडमिशन के बाद सेशन शुरू नहीं हुआ तो कोई एग्जाम पास करने के बाद भी सालों से डिग्री आने का इंतजार कर रहा है. इससे छात्रों की मानसिक स्थिति बहुत दयनीय हो गई है.

2018 में मगध यूनिवर्सिटी में मैथ (ऑनर्स) में दाखिला लेने वाले आदर्श आज भी अपनी डिग्री पूरा होने का इंतज़ार कर रहे हैं. उनकी तरह यहां के कई छात्र सालों से अपनी पढ़ाई पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं. दी लल्लनटॉप से बात करते हुए आदर्श कहते हैं,

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हमने 2018 में मगध यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया. 2021 तक हमारी ग्रेजुएशन पूरी हो जानी चाहिए थी. लेकिन चार साल बीत चुके हैं. अभी तक सिर्फ 2 ही पार्ट का एग्जाम हुआ है. पार्ट वन के एग्जाम जनवरी 2021 में और पार्ट टू के अक्टूबर 2021 में. पार्ट वन का रिजल्ट आ चुका है, लेकिन पार्ट टू का रिजल्ट छह महीने बीत जाने के बाद भी अब तक नहीं आया है.

आदर्श की तरह कई दूसरे छात्रों का कहना है कि तीसरे साल की परीक्षा कब होगी इसकी भी कोई जानकारी नहीं है. वे बताते हैं कि इस मुद्दे पर प्रोटेस्ट से लेकर विपक्षी पार्टियों तक से मिल चुके हैं, लेकिन बात सुनने के लिए कोई भी तैयार नहीं है. आदर्श बताते हैं,

इसका जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि एडमिनिस्ट्रेशन है. यूनिवर्सिटी के वीसी घोटाले में पकड़े गए हैं. एग्जाम कंट्रोलर को पद से हटा दिया गया है. इसके बाद पाटलिपुत्र के वीसी को मगध यूनिवर्सिटी का चार्ज दिया गया है. हम वहां वीसी से मिलने के लिए गए. उन्होंने 12 अप्रैल को समय दिया था कि 10 दिन के भीतर पार्ट 2 का रिजल्ट आ जाएगा. लेकिन आया अभी तक नहीं है और वीसी भी हम छात्रों से नहीं मिले.

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छात्रों की समस्या सुनने वाला कोी नहीं

सेशन लेट होने की वजह से छात्रों में काफी गुस्सा है. मगध यूनिवर्सिटी के ही एक और छात्र सूर्य बताते हैं,  

2017- 2020 के सेशन को पांच साल होने को आए हैं. उनमें से कुछ लोगों का रिजल्ट पेंडिंग में डाल दिया गया था और कुछ को फेल कर दिया गया था. न तो वे ग्रेजुएट हो पाए हैं और न ही कोई फॉर्म भर पा रहे हैं. 2018-2021 का सेशन इतना लेट है कि अभी तक पार्ट 2 का रिजल्ट नहीं आया है. कई सेशन का तो अभी तक रजिस्ट्रेशन भी नहीं हुआ है. डिग्री न मिल पाने की वजह से हम लोग सरकारी भर्तियों के फॉर्म तक नहीं भर पा रहे हैं. क्योंकि अधिकतर में ग्रेजएशन होना जरूरी है. समय के साथ-साथ हम पर मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है. ऐसा लगता है कि यहां एडमिशन लेकर गलती कर दी. अब तो सिर्फ़ यही चाहते हैं कि किसी तरह डिग्री मिल जाए. फिर आगे का सोचा जाएगा.

यूनिवर्सिटी के एक और छात्र परवीन ने बताया,

हम अपने रिजल्ट और सेशन लेट होने को लेकर प्रदर्शन करके थक चुके हैं. हम लोग तो फंस के रह गए हैं, ऐसा लगता है यहां क्यों ही एडमिशन ले लिया. 

छात्रों का कहना है कि मगध यूनिवर्सिटी की इस लेटलतीफी से परेशान कुछ छात्र तो सुसाइड तक अटेम्प्ट कर चुके हैं. आदर्श बताते हैं कि वे CDs, AFCAT की परीक्षा क्लियर कर चुके हैं, लेकिन डिग्री न होने की वजह कुछ नहीं कर पा रहे हैं. कहते हैं अकेले में जाकर रोना पड़ता है. 

वीसी ने क्या बताई वजह?

छात्रों से बात करने बाद हमने मगध यूनिवर्सिटी के नए कुलपति प्रोफेसर आरके सिंह से बात की. हमने उनसे सेशन में देरी की वजह पूछी. जवाब में उन्होंने कहा, 

सेशन लेट होने की वजह आप मुझ से बेहतर जानती हैं. मैं क्या ही बताऊं. मैं तो अभी-अभी डेढ़ महीने पहले ही यहां आया हूं. 

आगे उन्होंने सवालों का कोई जवाब नहीं दिया.

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