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बिहार फ्लोर टेस्ट से पहले MLA किडनैप? तेजस्वी के घर आधी रात को पहुंची पुलिस, पता है फिर क्या हुआ?

Bihar में Floor Test से पहले विधायकों की बाड़बंदी. किसी ने पटना के होटल में, दूसरे ने गया के रिज़ॉर्ट में और किसी ने तो घर में ही विधायक 'रखवा' लिए हैं. किडनैपिंग की भी शिकायत हो गई.

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पटना के एक कार्यक्रम में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव. (फ़ोटो - PTI)

बिहार विधानसभा में सोमवार, 12 फरवरी को फ़्लोर टेस्ट (floor test) है. लाज़मी है, प्रदेश (Bihar) की सियासत में उठा-पटक चल रही है. सभी पार्टियों ने विधायकों की बाड़बंदी की हुई है, कि कहीं जाना नहीं है. न जगह से, न पार्टी से. राज्य के पूर्व-डिप्टी CM तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) ने तो अपने सारे विधायकों को घर पर ही बुला लिया था. संगीत बजवाकर मनसायन भी करवाया. मगर आधी रात को पुलिस आ गई. गेट खुलवाने की कोशिश करने लगी. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इसे नीतीश कुमार की साज़िश बता दिया. आरोप लगाए कि पुलिस नीतीश के कहने पर आई है और राजद विधायकों के साथ कुछ 'अप्रिय' करना चाहती है.

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12 फरवरी की रात 1:15 पर राजद के X हैंडल से पोस्ट किया गया,

नीतीश कुमार ने सरकार जाने के डर से हज़ारों की संख्या में पुलिस भेजकर तेजस्वी जी के आवास को चारों तरफ़ से घेरवा लिया है. ये किसी भी बहाने आवास के अंदर घुस कर विधायकों के साथ अप्रिय घटना करना चाहते हैं. बिहार की जनता नीतीश कुमार और पुलिस के कुकर्म देख रही है.

याद रहे! हम डरने और झुकने वालों में से नहीं है. ये वैचारिकी का संघर्ष है और हम इसे लड़ेंगे और जीतेंगे, क्योंकि बिहार की न्यायप्रिय जनता इस पुलिसिया दमन का प्रतिकार करेगी. जय बिहार! जय हिन्द.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, आधी रात से पहले भी एक बार पुलिस तेजस्वी के आवास पर पहुंची थी. दरअसल, पुलिस के ये चक्कर राजद विधायक चेतन आनंद के चक्कर में है.

पटना पुलिस के पास शिकायत की गई थी कि विधायक चेतन आनंद को किडनैप करके तेजस्वी के आवास पर रखा गया है. पुलिस इसकी जांच करने पहुंची. मगर चेतन आनंद ने पुलिस से कहा कि वो अपनी मर्ज़ी से यहां आए हैं. फिर पुलिस वापस लौट गई. आधी रात को भी पुलिस चेतन के ही सिलसिले में आई थी. पुलिस आई, तो चेतन भी बाहर आए.

इंडिया टुडे के इनपुट्स के मुताबिक़, चेतन अब अपने घर पहुंच गए हैं. तेजस्वी के आवास पर नहीं हैं. कथित तौर पर आज विश्वास मत के दौरान वो वोट नहीं करेंगे.

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भाजपा नेता शाहनवाज़ हुसैन ने पुलिस कार्रवाई को सही ठहराया. कहा कि अगर तेजस्वी यादव विधायकों का अपहरण करेंगे और विधायक का कोई रिश्तेदार शिकायत दर्ज कराएगा, तो पुलिस ज़रूर जाएगी. कहा,

अगर आप (तेजस्वी यादव) किसी भी विधायक को अपने घर में बांध कर रखेंगे, पुलिस निश्चित रूप से कार्रवाई करेगी. इसलिए पुलिस अपना काम कर रही है. राजद और कांग्रेस केवल भ्रम फैला रहे हैं. जदयू और भाजपा मिलकर विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे. कोई भी (विधायक) बाहर नहीं है.

शाहनवाज़ का कहना ठीक है. कोई भी विधायक बाहर नहीं हैं. सब होटल में हैं. जनता दल (यूनाइटेड) ने 'एहतियातन' अपने विधायकों को विधानमंडल के पास एक होटल में स्थानांतरित कर दिया. पटना के चाणक्य होटल में.

रविवार, 11 फरवरी को जदयू से राज्य कैबिनेट में मंत्री विजय कुमार चौधरी के घर पर विधायकों की एक ज़रूरी बैठक बुलाई गई थी. बैठक में जदयू प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि वो विश्वास मत जीत जाएंगे. साथ ही अपने सभी विधायकों को कहा कि शक्ति परीक्षण के दौरान सदन में उपस्थित रहें. 

सभी ने अपने विधायकों को ठिकाने लगा दिया है

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 'महागठबंधन' से अलग होने के बाद से ही राज्य की राजनीति हिली हुई है. सारा ध्यान बिहार विधानसभा के विश्वास मत पर है. और, केवल जद(यू) या राजद ने ये चाणक्य चाल नहीं चली है. सबने एहतियात किया है.

कांग्रेस ने अपने विधायकों को हैदराबाद भेज दिया. राजद विधायक - जैसा ऊपर बताया - शनिवार, 10 फरवरी की रात से ही तेजस्वी यादव के आवास पर हैं. भाजपा ने भी शक्ति परीक्षण से पहले अपने विधायकों को बोधगया के महाबोधि रिज़ॉर्ट में भेज दिया है. हालांकि, भाजपा का कहना है कि उन्होंने विधायकों को 'प्रशिक्षण' के लिए बोधगया भेजा है, और उन्हें विपक्ष की ख़रीद-फरोख़्त को लेकर कोई चिंता नहीं. रविवार, 11 फरवरी को देर शाम BJP के सभी विधायकों को वापस पटना बुला लिया गया है. सूत्रों के हवाले से न्यूज़ एजेंसी PTI ने छापा कि कुछ विधायक दो दिन की ट्रेनिंग में नहीं थे.

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