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लॉकडाउन: दिल्ली के बिहार भवन में आए 45 हज़ार से ज्यादा कॉल, सबकी सिर्फ एक ही मांग

राज्यों में फंसे बिहार निवासियों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए थे.

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बहुत से लोग फोन करके खाना और राशन मिलने में आ रही दिक्कतों की बात करते हैं. फोटो: BiharBhawan.org/PTI
दिल्ली का बिहार भवन. यहां कंट्रोल रूम बनाया गया कि प्रवासी मजदूरों की मदद की जा सके. पहला लॉकडाउन शुरू होने के बाद से शनिवार, 18 अप्रैल तक 45 हज़ार से ऊपर कॉल आ चुकी हैं. ज़्यादातर की एक ही मांग- हमें घर जाने में मदद कीजिए. बिहार सरकार की तरफ से तीन हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए थे. ये डेटा बिहार भवन ने जारी किया है. 25 मार्च से इन हेल्पलाइन नंबरों पर 60 लोगों का स्टाफ तीन शिफ्ट में काम कर रहा है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बिहार भवन के रेजिडेंट कमिश्नर विपन कुमार ने कहा कि ज़्यादातर लोग अपने गांव-कस्बों में लौटना चाहते थे. वो कहते हैं,
हमने उन्हें समझाया कि ये संभव नहीं है और उनकी काउंसलिंग की. वो हमसे बात करने के बाद शांत हो जाते हैं. आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों को बिहार सरकार के 'आपदा' ऐप के बारे में बताते हैं, जहां दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के निवासी रजिस्टर कर सकते हैं और 1,000 रुपए राहत राशि के रूप में पा सकते हैं.
कुछ मामलों में ट्रैवेल पास की व्यवस्था वो कहते हैं कि कुछ खास परिस्थितियों में हम ट्रैवेल पास की व्यवस्था करते हैं. उन्होंने कहा,
कुछ मामलों में जैसे परिवार में किसी की मौत या गंभीर बीमारी की हालत में हम उन्हें वापस भेजने की व्यवस्था कर रहे हैं. शुक्रवार को हमे दो व्यक्तियों से कॉल आई. गुरुग्राम से. वो बिहार लौटना चाहते थे क्योंकि उनके पिता की मौत हो गई थी. ऐसे मामलों में हम अंतर्राज्यीय ट्रैवेल पास की व्यवस्था करते हैं लेकिन ट्रांसपोर्ट के लिए उन्हें खुद देखना होता है.
खाना और राशन की शिकायतें इसके अलावा घर पर खाना या राशन पहुंचने में हो रही दिक्कतों को लेकर भी कॉल आती हैं. बिहार भवन ने हर राज्य के नोडल अफसरों और कुछ ज़िलों के अफसरों से कहा है कि ऐसे मामलों में वो सूचित करें. बिहार में पुलिस की तरफ से बुजर्गों के लिए वॉट्सऐप नंबर जारी किए गए हैं. बिहार में अब तक कोरोना वायरस के 86 मामले सामने आए हैं और 2 लोगों की मौत हुई है.
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