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भुवनेश्वर कुमार: सचिन को जीरो पर आउट करने वाला बॉलर अब टीम इंडिया का ब्रह्मास्त्र है

टीम इंडिया का ये गेंदबाज सीजन-दर-सीजन घातक हो रहा है.

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यूपी की रणजी टीम में साल 2008 में शामिल हुए थे भुवी. 2018 में दुनिया जानती है.
12 जनवरी 2009 का दिन था. पिछली रात 18 साल का एक खिलाड़ी सो नहीं पाया था. कारण-उसे अगले दिन सचिन तेंडुलकर के सामने गेंदबाजी करनी थी. वो हैदराबाद में हो रहे रणजी फाइनल का मुकाबला था जिसमें उत्तर प्रदेश और मुंबई आमने सामने थे. वो सोचता रहा कि क्या होगा कल. थोड़ा नर्वस और थोड़ा एक्साइटेड भी कि कहीं मैंने सचिन को आउट कर दिया तो? अगली सुबह सामने सचिन थे और गेंदबाजी कर रहा था ये बीए फर्स्ट ईयर का ये लड़का. और सचिन जीरो पर आउट. सचिन के घरेलू क्रिकेट करियर में वो पहली बार ज़ीरो पर आउट हुए. ऐसा करने वाला ये लड़का और कोई नहीं टीम इंडिया का इस वक्त का तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार है. 2009 से 2018 तक आते-आते भुवनेश्वर दुनिया भर में अपनी स्विंग बॉलिंग के झंडे गाड़ चुका है.
यूपी के मेरठ में एक सामान्य परिवार में जन्मे भुवनेश्वर के लिए सचिन का ये विकेट अलग ही तरह का आत्मविश्वास दे गया. शांत स्वभाव के भुवनेश्वर ने अपनी गेंदबाजी में समय के साथ न सिर्फ स्पीड जोड़ी बल्कि इनस्विंग और आउटस्विंग को भी अपना मजबूत हथियार बना लिया. कभी 120-130 kmph की स्पीड वाले भुवनेश्वर ने अपनी स्पीड को 140 kmph तक पहुंचा दिया है.
भुवनेश्वर के साथ सबसे खास बात ये रही कि इस बॉलर ने जहां भी डेब्यू किया, अपनी छाप जरूर छोड़ी. अलग-अलग एज ग्रुप्स में खेलते हुए भुवी ने साल 2008 में यूपी की रणजी टीम के साथ डेब्यू किया.  पहला मैच बंगाल के खिलाफ था और पहली ही पारी में 25 रन देकर 3 विकेट अपने नाम किए थे.
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आईपीएल में 120 विकेट ले चुका है मेरठ से निकला ये बॉलर.

सफल घरेलू करियर के साथ ही भुवनेश्वर को आईपीएल में हाथों-हाथ लिया गया. 2011 में पहले पुणे वॉरियर्स में शामिल हुए और फिर 2014 से सनराइजर्स हैदराबाद ने टीम में ले लिया. साल 2015-16 और 2016-17 के लिए यूपी के इस गेंदबाज को पर्पल कैप मिल चुकी है. यानी दोनों सीजन में भुवी ने ही सबसे ज्यादा विकेट ली हैं.
25 दिसंबर 2012 को मौका मिला टीम इंडिया के लिए टी-20 खेलने का. सामने टीम थी पाकिस्तान की. पहले ही ओवर में नासिर जमशेत का विकेट ले लिया. अपने इस इंटरनेशनल डेब्यू में भुवनेश्वर ने चार ओवर के स्पेल में 9 रन देकर तीन विकेट ले लिए. अभी तक खेले 34 टी-20 इंटरनेशनल मैचों में ये फास्ट बॉलर 33 विकेट ले चुका है और 5/24 इसमें बेस्ट है जो साउथ अफ्रीका में इस टूर में भुवी के नाम हुआ है.
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वनडे में इकॉनमी रेट 5 से नीचे है.

फिर मौका मिला पाकिस्तान के ही खिलाफ वनडे मैच खेलने का. 30 दिसंबर 2012 को चेन्नई में सीरीज का पहला वनडे जो इंडिया हार गई थी. पाकिस्तान के चार विकेट गिरे जिनमें 2 विकेट भुवनेश्वर के थे. अपने 9 ओवर के स्पेल में तीन मेडन के साथ भुवी ने सिर्फ 27 रन दिए थे. मगर भुवी के लिए खास बात ये रही कि उसने अपने वनडे करियर की पहली गेंद पर विकेट ली. शिकार बने ओपनर मोहम्मद हफीज. भुवी अभी तक 103 वनडे खेल चुके हैं जिनमें 114 विकेट इनके नाम हैं. 5/42 इनका अब तक का बेस्ट है.
अब आइए भुवनेश्वर के टेस्ट डेब्यू पर. 22 फरवरी 2013 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई में ये बॉलर लाल गेंद लेकर उतरा था. मगर 13 ओवर के अपने स्पेल में 52 रन दिए और कोई विकेट नहीं मिला. मगर 10वें नंबर पर बैटिंग करने आए भुवी ने धोनी के साथ उस मैच में 140 रन की पार्टनरशिप की थी. इंडिया का स्कोर 572 तक पहुंचा था. भुवी ने इसमें 38 रन मारे थे और ये किसी भी 10वें नंबर के प्लेयर की अपने डेब्यू पर खेली सबसे बड़ी पारी है. अब तक 21 टेस्ट खेलने के बाद भुवनेश्वर अपने नाम 63 विकेट कर चुके हैं. 6/82 बेस्ट है. चार बार एक पारी में 5 या इससे ज्यादा विकेट ले चुके हैं.
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लंबे स्पेल फेंकने में भी कोई तोड़ नहीं है भुवी का.

साल 2014 का इंग्लैंड की जमीं पर भुवनेश्वर का वो प्रदर्शन करियर को नई दिशा दे गया. उस टूर पर भुवी ने 19 विकेट लिए जिनमें दो बार 5 से ज्यादा विकेट लेना शामिल था. यही नहीं बल्ले से भी इस क्रिकेटर ने दिखाया कि वो ऑल राउंडर है. तीन अर्द्धशतक लगाते हुए 247 रन भी बनाए. इसके लिए भुवनेश्वर को टेस्ट सीरीज में मैन ऑफ द सीरीज भी मिला. तब से ये गेंदबाज लगातार अच्छा परफॉर्म कर रहा है. टीम इंडिया जहां भी खेल रही है, भुवनेश्वर इंडिया के बॉलिंग अटैक का अहम हथियार है. अब तमाम रिकॉर्ड्स के बीच एक रिकॉर्ड ये भी बन गया है कि भुवी इकलौते भारतीय हैं जिनके नाम तीनों फॉरमेट यानी टी-20, वनडे और टेस्ट में 5-विकेट लेने का रिकॉर्ड है. इससे पहले कोई भी भारतीय ये नहीं कर पाया है.
क्रिकेट के जानकार और भुवी का रिकॉर्ड बताता है कि वो अब नई गेंद के ही गेंदबाज बनकर नहीं रह गए हैं. छोटे फॉरमेट्स में जहां डेथ ओवरों में बल्लेबाज खूब रन बना रहे होते हैं, भुवी वहां विकेट निकालने के लिए जाना जाता है. चाहे फिर वो आईपीएल हो या टीम इंडिया के लिए वनडे मैच. इन दिनों आखिरी ओवरों का प्रेशर टीम इंडिया में भुवी से बेहतर कोई नहीं झेल पाता है. साथ ही भुवनेश्वर की गेंदबाजी की एक खास बात जो इस फास्ट बॉलर को लंबी रेस का घोड़ा बना रही है- वो है बॉलिंग में वैरिएशन. यॉर्कर से लेकर बाउंसर और लेग कटर से लेकर स्लोअर तक. इस सभी हथियारों के चलते भुवी एक घातक गेंदबाज के रूप में उभर रहा है.
भुवी की गेंदबाजी के कुछ नायाब नमूने भी देख लीजिए:



वीडियो- पंजाब से निकले शुभमन गिल में दूसरा सचिन है?

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