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'बीफ' एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड से दे डाले करोड़ों, और क्या पता चला?

ये Beef Exporter कंपनियां एक ही ग्रुप का हिस्सा हैं. इन कंपनियों पर टैक्स चोरी के आरोप लगे थे. अब Electoral Bond वाली लिस्ट में इनका नाम आया है.

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बीफ एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चंदा दिया. (फोटो: आजतक)

इलेक्शन कमीशन की इलेक्टोरल बॉन्ड ( ECI Electoral Bond List ) वाली लिस्ट में दो कंपनियां ऐसी हैं, जो ‘बीफ’ एक्सपोर्ट करती हैं. दोनों कंपनियों मिलकर इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए करोड़ो रुपये डोनेट किए हैं. दोनों कंपनियां एक ही ग्रुप से जुड़ी हैं. इलेक्शन कमीशन ने 14 मार्च की शाम को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने वाली कंपनियों के नाम जारी किए थे.

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कब किसने कितना दिया?

इलेक्शन कमीशन की लिस्ट में अल्लाना संस प्राइवेट लिमिटेड ( Allanasons Private Limited ) और फ्रीगोरीफिको अलाना प्राइवेट लिमिटेड नाम की दो कंपनियां हैं. दोनों कंपनियां अल्लाना ग्रुप ऑफ कंपनीज का हिस्सा हैं.

अल्लाना संस प्राइवेट लिमिटेड ने 9 जुलाई 2019 को बॉन्ड के तौर पर 2 करोड़ रुपये डोनेट किए थे. फिर 9 अक्टूबर को कंपनी ने एक करोड़ रुपये और डोनेट किए. वहीं फ्रीगोरीफिको अल्लाना प्राइवेट लिमिटेड ने भी 9 जुलाई 2019, 22 जनवरी 2020 को दो-दो करोड़  रुपये डोनेट किए. ग्रुप की एक और कंपनी अलाना कोल्ड स्टोरेज ने भी 9 जुलाई 2019 को 1 करोड़ रुपये दिए थे. इन कंपनियों को अलग-अलग डायरेक्टर हेड करते हैं. 

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अप्रैल 2019 में कंपनी पर इनकम टैक्स की रेड पड़ी थी. इनकम टैक्स अधिकारियों ने बताया था कि ये कंपनी भारत में भैंस के गोश्त को एक्सपोर्ट करने वाली सबसे बड़ी कंपनी है. रेड के दौरान कंपनी पर करीब दो हजार करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के आरोप लगे थे.  

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क्या करती है कंपनी?

अल्लाना संस प्राइवेट लिमिटेड की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, कंपनी साल 1865 में बनी थी. कंपनी का दावा है कि वो प्रोसेस्ड फूड के मामले में देश के टॉप एक्सपोर्टर्स में हैं. कंपनी भैंसे का फ्रोजेन गोश्त, चिल्ड वैक्यूम पैक्ड भैंसे का गोश्त, भैंस के जमे हुए अंदरूनी हिस्से, और भेड़, मेमने का गोश्त एक्सपोर्ट करती हैं. वेबसाइट के मुताबिक कंपनी का सालाना टर्नओवर 500 से 1000 करोड़ के बीच होता है.

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