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Electoral Bond: लक्ष्मी मित्तल से सुनील भारती मित्तल तक, चंदा देने वालों में शामिल हैं ये दिग्गज उद्योगपति

ECI की Electoral Bond वाली लिस्ट में Sunil Mittal और Lakshmi Mittal जैसे कई बड़े उद्योगपतियों का नाम शामिल है. इस लिस्ट में अनिल अग्रवाल का नाम भी है.

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इलेक्टोरल बॉन्ड में सबसे ज्यादा चंदा देने वाले उधोगपतियों में लक्ष्मी मित्तल और सुनील मित्तल का नाम शामिल है (फोटो: X)
15 मार्च 2024 (Updated: 15 मार्च 2024, 12:55 IST)
Updated: 15 मार्च 2024 12:55 IST
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चुनाव आयोग (ECI) की तरफ से 14 मार्च को Electoral Bond से जुड़ा डेटा जारी किया गया. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 12 मार्च को ये डेटा चुनाव आयोग के साथ शेयर किया था. जिसे 14 मार्च को चुनाव आयोग ने सार्वजनिक कर दिया. ECI की वेबसाइट पर दो लिस्ट भी अपलोड की गई हैं. 763 पेजों की. एक लिस्ट में बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों और व्यक्तियों की तो दूसरी लिस्ट में बॉन्ड कैश कराने वाली पार्टियों की जानकारी है. ECI की लिस्ट में Bharti Airtel वाले सुनील मित्तल (Sunil Mittal) और जाने माने स्टील कारोबारी लक्ष्मी मित्तल (Lakshmi Mittal) जैसे कई बड़े उद्योगपतियों के नाम शामिल हैं.

इनके अलावा अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) की वेदांता, महिंद्रा एंड महिंद्रा और ITC समेत कई जानी मानी कंपनियों के नाम भी ECI की इस लिस्ट में शामिल हैं. ECI वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक अनिल अग्रवाल की वेदांता लिमिटेड ने 398 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे. जबकि भारती एयरटेल के मालिक सुनील मित्तल की तीन कंपनियों ने मिलकर कुल 246 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे. वहीं लक्ष्मी निवास मित्तल की तरफ से 35 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे जाने की बात सामने आई है. 

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FUTURE GAMING लिस्ट में टॉपर

ECI की तरफ से जारी लिस्ट के मुताबिक, चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों में ABC इंडिया, अरिहंत, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पिरामल, सनफार्मा, MUTHOOT FINANCE, वेदांता, बजाज, भारती एयरटेल और अन्य कंपनियां शामिल हैं. FUTURE GAMING AND HOTEL SERVICES PR लिस्ट में टॉप पर हैं. फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज ने 1,368 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे हैं. कंपनी का नाम लिस्ट में 1303 बार आया है.

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जानिए क्या होते हैं इलेक्टोरल बॉन्ड? 

अब इलेक्टोरल बॉन्ड के बारे में भी जान लीजिए. ये चुनावी चंदा हासिल करने के बॉन्ड हैं. ये बॉन्ड एक तरह के नोट हैं. वैसे ही नोट जैसे हम आप 100-500 रुपए के नोट देखते हैं. मोदी सरकार ने जनवरी, 2018 में चुनावी चंदे के लिए बॉन्ड जारी किए हैं. इन बॉन्ड का मकसद राजनीतिक चंदे को पारदर्शी बनाना है. साल 2017 के बजट भाषण के दौरान वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इसे बड़ा चुनावी सुधार बताया. जो लोग किसी राजनीतिक पार्टी को 2000 रुपए से ज्यादा का चंदा देना चाहते हैं. उनको भारतीय स्टेट बैंक की किसी भी ब्रांच से ये बॉन्ड खरीदने होते हैं. चंदा देने वाले लोग इन बॉन्ड को खरीदकर अपनी पसंदीदा पार्टी को दे सकते हैं. और वो पार्टी या दल इन बॉन्ड्स को अपने अकाउंट में लगाकर अपने पक्ष में भुगतान करा सकता है. ठीक वैसे ही, जैसे आप किसी को अकाउंट पेयी चेक देते हैं

वीडियो: इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद SBI ने कौन-कौन से डॉक्यूमेंट्स जमा किए?

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