बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा पर बयान दिया है (Bangladesh Muhammad Yunus on Violence Minorities). उन्होंने इन हमलों की निंदा की और उन्हें जघन्य बताया. इसके साथ ही मोहम्मद यूनुस ने अपने देश के छात्रों और युवाओं से सभी हिंदू, ईसाई और बौद्ध परिवारों को नुकसान से बचाने का आग्रह भी किया है.
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर 200 से ज्यादा हमले, इस पर अंतिरम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस क्या बोले?
Bangladesh की अंतरिम सरकार के मुखिया Muhammad Yunus ने Minorities पर हमलों को लेकर बयान दिया है. उधर, हिंदू, ईसाई और बौद्ध अल्पसंख्यकों ने देश भर में बड़े प्रदर्शन किए हैं.

10 अगस्त को मोहम्मद यूनुस ने बयान दिया,
क्या अल्पसंख्यक इस देश के लोग नहीं हैं? आप देश को बचाने में सक्षम हैं. क्या आप कुछ परिवारों को नहीं बचा सकते? आपको कहना होगा कि कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता, वो मेरे भाई हैं, हम साथ लड़े और अब साथ रहेंगे. ये बांग्लादेश अब आपके हाथ में है. आप इसे जहां चाहें वहां ले जाने की शक्ति रखते हैं.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, लगातार हो रही हिंसा के विरोध में 10 अगस्त को बांग्लादेश में लाखों हिंदू सड़कों पर उतर आए. राजधानी ढाका और देश के दूसरे सबसे बड़े शहर चटगांव में लाखों लोग रैलियों में शामिल हुए. इसी तरह के प्रदर्शन अमेरिका और ब्रिटेन में भी हुए.

खबर है कि 5 अगस्त के बाद से 52 जिलों में अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों की 205 से ज्यादा घटनाएं सामने आ चुकी हैं. कई हिंदू मंदिरों में भी तोड़फोड़ की गई है. शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी से जुड़े दो हिंदू नेता हिंसा में मारे गए हैं.
8 अगस्त को जब नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली थी, तब PM मोदी ने यूनुस को बधाई देते हुए उनसे हिंदुओं और अन्य सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया था.
शेख हसीना को शरण देने को लेकर बांग्लादेश की BNP पार्टी के नेताओं ने भारत सरकार को घेरा था. प्रधानमंत्री शेख हसीना को शरण देने पर उसकी सबसे बड़ी विरोधी नेता खालिदा जिया की पार्टी ने भारत के लिए बयान जारी किया था. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के नेता खांडेकर मोशर्रफ हुसैन ने कहा कि हसीना को शरण देने पर भारत के लिए बांग्लादेश से प्रतिकूल प्रतिक्रिया आना स्वाभाविक है. उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत सरकार आगे चलकर अवामी लीग का समर्थन नहीं करेगी. खांडेकर मोशर्रफ हुसैन ने कहा,
शेख हसीना को भारत में शरण मिलने का असर स्वाभाविक है. उदाहरण के लिए अगर मैं आपको पसंद नहीं करता और कोई तीसरा व्यक्ति आपका समर्थन कर रहा है तो स्वाभाविक रूप से मेरे मन में उस व्यक्ति के लिए भी नापसंदगी होगी. प्रतिकूल प्रतिक्रिया होना स्वाभाविक है.
BNP के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने इंडिया टुडे से कहा,
भारत को केवल बांग्लादेश की एक पार्टी के साथ संबंध नहीं रखना चाहिए. शेख हसीना को शरण देने से पहले भारत को सोचना चाहिए, इससे लोगों के आपसी रिश्ते प्रभावित होंगे.
BNP के ही वरिष्ठ नेता अमीर खासरू महमूद चौधरी ने कहा कि शेख हसीना बांग्लादेश में 'मोस्ट वांटेड' हैं और उन पर भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के हनन समेत कई आरोप हैं. उन्होंने कहा कि हसीना को उनके कार्यकाल के दौरान किए गए कथित अपराधों के लिए अदालत का सामना करना होगा. बोले- बांग्लादेश में लोग हसीना के भारत में रहने को अच्छी नजर से नहीं देखेंगे.
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