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'गर्मी में मृत्यु दर बढ़ जाती है', बलिया में 54 लोगों की मौत के बाद योगी के मंत्री का बयान

दयाशंकर सिंह ने खुद कहा कि इमरजेंसी में मरीज ज्यादा आ गए हैं. जो इंतजाम है उसे थोड़ा और बेहतर करने की जरूरत है.

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दयाशंकर सिंह अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे थे (फोटो- वीडियो स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

उत्तर प्रदेश के बलिया में हीटवेव से हुई मौतों पर राज्य के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि गर्मी के समय में मृत्यु दर बढ़ जाती है. ये पहले भी होता था. दयाशंकर सिंह के मुताबिक, जो भी हुआ है उसकी मॉनिटरिंग की जा रही है. ऐसा नहीं है कि (मौतें) सिर्फ इसी के कारण (गर्मी के चलते) हो रही हैं. 

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बलिया जिला अस्पताल में हीटवेव के कारण बीते चार दिनों में 68 लोगों की मौत हो चुकी है. इन खबरों के बीच राज्य सरकार ने जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिवाकर सिंह पद से हटा दिया था.

दयाशंकर सिंह एक दिन पहले बलिया जिला अस्पताल में निरीक्षण के लिए पहुंचे थे. उन्होंने इसके बाद वहां के हालात को लेकर मीडिया के सामने बयान दिया. मंत्री ने कहा कि आप देख रहे होंगे कि ज्यादातर बुजुर्ग लोग, जो 60 से 70 साल के हैं. आम तौर पर ऐसा होता है. हम इसकी रोकथाम के लिए उपाय कर रहे हैं. कुछ नैचुरल तरीके से भी मौत हो रही हैं, सब उससे ही जोड़ कर ना देखा जाए.

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"इंतजाम बेहतर करने की जरूरत"

इससे पहले 18 जून को अस्पताल के निरीक्षण के बाद दयाशंकर सिंह ने कहा था कि इमरजेंसी में मरीज ज्यादा आ गए हैं. मंत्री ने खुद कहा था कि जो इंतजाम है उसे थोड़ा और बेहतर करने की जरूरत है. मंत्री के मुताबिक, 

“गर्मी पड़ ही रही है इसलिए हमने कहा है कि सभी वार्ड में डबल कूलर लगा दिया जाए और पानी की भी व्यवस्था ठीक किया जाए और अधिक डॉक्टर भेजा जाए जिससे कि मरीजों का ठीक से इलाज हो सके. ज्यादातर मरीज उम्रदराज हैं. जो सत्तर साल से ज्यादा उम्र के हैं, वे लोग थोड़ा ज्यादा प्रभावित हुए हैं. कुछ लोगों को फीवर है, कुछ लोगों को उल्टी आ रही है, कुछ दस्त से पीड़ित हैं. यहां इमरजेंसी को और बढ़ाने की जरूरत है. पिछले 24 घंटे में 173 मरीज यहां आए हैं.”

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बलिया के मुख्य चिकित्सा अधिकारी जयंत कुमार ने 17 जून को एसोसिएटेड प्रेस को बताया था कि सभी मृत किसी न किसी बीमारी से पीड़ित थे और अत्यधिक गर्मी के कारण उनकी हालत बिगड़ गई. उन्होंने कहा था कि ज्यादातर मौतें हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और डायरिया से हुई हैं.

हालात बिगड़ते देख राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने दो सदस्यीय डॉक्टरों की एक टीम को बलिया भेजने का आदेश दिया. दोनों डॉक्टर मौतों से जुड़े मामले की जांच करेंगे. साथ ही सभी जिलों के सरकारी अस्पतालों में गर्मी और हीट स्ट्रोक से पीड़ित लोगों के इलाज के लिए जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं.

दयाशंकर सिंह ने जो बयान दिया है, ऐसा ही कुछ यूपी के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भी दिया था. 6 साल पहले गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण एक ही दिन में 23 बच्चों की मौत हो गई थी. सिद्धार्थ नाथ सिंह ने तब कहा था कि हर साल अगस्त में बच्चों की मौत होती ही है. उन्होंने इसके लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पिछले सालों के दौरान अगस्त महीने में बच्चों की मौतों का आंकड़ा गिनाया था.

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