लल्लनटॉप के शो 'बैठकी' में इस बार बी.आर चोपड़ा की महाभारत में कृष्ण का किरदार निभाने वाले नीतीश भारद्वाज ने शिरकत की. नीतीश भारद्वाज इन दिनों थिएटर में एक्टिव हैं. 'चक्रव्यूह' नाम के नाटक में कृष्ण की भूमिका निभा रहे हैं. 'बैठकी' में नीतीश भारद्वाज ने महाभारत में अपने कृष्ण के किरदार और बी.आर चोपड़ा के साथ काम करने के अनुभव की बातें बताईं. उन्होंने बताया कि बी.आर चोपड़ा के साथ काम करना उनके लिए बेहद खास था. उन लोगों की हर छोटी-बड़ी बात पर सार्थक बहस होती थी. ऐसा ही वाकया नीतीश भारद्वाज ने बताया, जब वो एक अक्षर के उच्चारण पर बी.आर चोपड़ा से भिड़ गए थे.
महाभारत में एक अक्षर के उच्चारण के लिए BR चोपड़ा से भिड़ गए थे कृष्ण
लल्लनटॉप के शो 'बैठकी' में इस बार बी.आर चोपड़ा की महाभारत में कृष्ण का किरदार निभाने वाले नीतीश भारद्वाज आए. उन्होंने बताया कि बी.आर चोपड़ा के साथ काम करने का अनुभव खास था.

उस घटना के बारे में नीतीश भारद्वाज बताते हैं,
"गीता के एपिसोड तक हम पहुंचने वाले थे. मैंने चोपड़ा साहब से ये पूछा कि गीता तो संस्कृत में कही गई है. संस्कृत में ज्ञ नहीं होता. ज्ञानेश्वर जी हम कहते हैं, वो ज्ञ नहीं है, वो (ज+ञ यानी jna) है. गीता में ये कई बार आएगा."
नीतीश भारद्वाज ने बी.आर चोपड़ा से पूछा कि इसका क्या किया जाए, वो क्या चाहते हैं. उनके मुताबिक बी.आर चोपड़ा ने कहा कि उन्हें लगता है 'ज्ञ' ही बोला जाना चाहिए. लेकिन नीतीश भारद्वाज उस पर संस्कृत के अनुसार उच्चारण के लिए अड़ गए. BR चोपड़ा को मनाने के लिए उन्होंने मराठी साहित्य की प्रोफेसर अपनी मां साधना उपाधे, विल्सन कॉलेज में संस्कृत डिपार्टमेंट के हेड रहे डॉ गोडबोले और तत्कालीन हेड डॉ लेले को बुलाया.
नीतीश भारद्वाज ने बताया,
"सबने अलग-अलग उदाहरण दिए, संस्कृत व्याकरण से लेकर पाणिनि से लेकर हर चीज का व्याकरण. वो सब किताबें लेकर आए थे. उन्होंने चोपड़ा साहब को मनाया कि ज्ञ को jna ही बोलना चाहिए. मैंने कहा कि जब में संस्कृत में श्लोक बोलूं तो jna बोलूं और हिंदी में अनुवाद बोलूं तो ज्ञ बोलूं."
हालांकि, नीतीश भारद्वाज के मुताबिक बी.आर चोपड़ा ने अपनी बात भी रखी. नीतीश भारद्वाज ने बताया,
"उन्होंने (बी.आर चोपड़ा ने) कहा कि मैंने आप सबकी बात ली कि व्याकरण के अनुसार ये jna (ज+ञ) ही है. चोपड़ा साहब ने कहा कि मेरी आप सबसे ये प्रार्थना है कि क्योंकि हम पॉपुलिस्ट मीडिया में हैं. अधिकतर हिंदी भाषी क्षेत्रों में ही ये देखा जा रहा है. हम हिंदी में ही प्रस्तुतिकरण कर रहे हैं. इसलिए मुझे ज्ञ बोलने की अनुमति दे दीजिए."
इसके बाद नीतीश भारद्वाज की मां, डॉ गोडबोले और डॉ लेले ने आपस में बात की. इसके बाद उन्होंने बी.आर चोपड़ा से कहा,
"आप जो कह रहे हैं कि ये तथ्य है कि ये कोई पीएचडी की थिसिस नहीं है. हम कहीं पर उच्चारण को लेकर बात नहीं कर रहे हैं. यहां किसी की परीक्षा नहीं ले रहे हैं, तो आप ज्ञ कर सकते हैं. फिर मुझे भी मानना पड़ा."
नीतीश भारद्वाज ने बताया कि इस तरह हर छोटी-बड़ी बात पर बी.आर फिल्म्स में सार्थक चर्चा होती थी. एक-दूसरे की बात सुनी और समझी जाती थी.
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