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मंदिर के प्रसाद में जहर मिलाना चाहते थे, जाकिर नाइक से प्रभावित इन लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

इस प्रसाद को उस दिन 40 हज़ार लोगों ने खाया था.

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एटीएस ने चार्जशीट में कहा है कि आरोपी जाकिर नाईक से प्रभावित थे.
जनवरी 2019, महाराष्ट्र एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया. इन पर इस्लामिक स्टेट यानी आईएस से संपर्क रखने का आरोप था. एटीएस ने इन से पूछताछ की. खुलासा किया कि इस ग्रुप में शामिल संदिग्ध तलहा पोट्रिक ने बड़ी साजिश रची थी. महाराष्ट्र के प्रसिद्ध 400 साल पुराने मुंब्रेश्वर मंदिर के प्रसाद में जहर मिलाने की साजिश. इसे दिसंबर में अंजाम देने की कोशिश की गई थी. मंदिर परिसर में हुई श्रीमद भागवत कथा के दौरान. लेकिन सफलता नहीं मिल पाई.

चार्जशीट दाखिल

23 जुलाई को एटीएस ने इस मामले में मुंबई की एक अदालत में चार्जशीट दायर की. इस चार्जशीट में कहा गया है कि संदिग्धों ने मुंब्रेश्वर मंदिर के प्रसाद में जहर मिलाने की साजिश रची थी. जिस दिन के लिए ये साजिश रची गई थी उस दिन लगभग 40 हजार लोगों ने मंदिर का प्रसाद ग्रहण किया था. श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए प्रसाद में जहर मिलाने का प्लान बना था, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतारा जा सके. एटीएस की चार्जशीट में संदिग्धों के नाम हैं. कुल 10 संदिग्ध हैं, इनमें से एक नाबालिग है.

जाकिर नाइक से प्रेरित 

एटीएस ने कोर्ट में जो चार्जशीट दायर की है उसमें कहा गया है कि ये लोग विवादास्पद इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक की विचारधारा से प्रभावित थे. एटीएस का कहना है कि सभी संदिग्धों के सोशल मीडिया अकाउंट्स से जाकिर नाइक की फोटो और विडियो मिले हैं. एटीएस की जांच में पता चला है कि दल में शामिल मोहसिन खान ने सोशल मीडिया पर उम्मत-ए-मोहम्मदिया नाम का ग्रुप बनाया था. इसमें आईएस से जुड़ी जानकारी पोस्ट की जाती थी. ग्रुुप में सिर्फ उन्हें ही जोड़ा जाता था जो कि आईएस की विचारधारा से प्रभावित थे.
एटीएस की ओर से दायर चार्जशीट का एक हिस्सा.
एटीएस की ओर से दायर चार्जशीट का एक हिस्सा.

एटीएस के एक अधिकारी ने बताया कि ग्रुप के सदस्यों ने इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से विस्फोटक और जहर बनाने के बारे में भी जानकारी ली थी. ये भी आरोप है कि इन्होंने आईएस के मिलिट्री साइंस चैनल के जरिए विस्फोटक बनाने की ट्रेनिंग ली थी.
वहीं आरोपियों के वकील का कहना है कि मेरे क्लाइंट के खिलाफ जो आरोप लगाए जा रहे हैं पुलिस ने एक भी सबूत नहीं दिए हैं. पुलिस बिना सबूत के इस तरह के आरोप लगा रही है.


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