“हादसा यूरिया प्रोसेसिंग यूनिट में हुआ. एक लीकेज की वजह से अमोनिया गैस का रिसाव होने लगा. आस-पास के कर्मचारियों पर इसका असर हुआ है. सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.”
UP की फैक्ट्री में बड़ा हादसा, दो लोगों की मौत हो गई और 15 लोग घायल हैं
अमोनिया गैस लीक होने के चलते हुए हादसा.
Advertisement

ये तस्वीर उस अस्पताल की है, जहां फूलपुर के गैस पीड़ितों को भर्ती कराया जा रहा है. (फोटो- ANI)
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पड़ता है फूलपुर. यहां के IFFCO प्लांट में 22 दिसंबर की रात बड़ा हादसा हो गया. देर रात, जब लोग सो ही रहे थे, तभी प्लांट की एक यूनिट से ख़तरनाक गैस का रिसाव शुरू हो गया. गैस की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई. अब तक 15 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है, जिनका इलाज चल रहा है. प्रयागराज के डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि 23 दिसंबर की सुबह तक गैस के लीकेज पर काबू पा लिया गया है. प्लांट की इस यूनिट को भी अभी बंद कर दिया गया है. लीक हुई गैस अमोनिया बताई जा रही है.
इंडिया टुडे की ख़बर के मुताबिक, दो मृतक इसी प्लांट के अधिकारी हैं. वीपी सिंह और अभयनंदन. ये दोनों अधिकारी रात में गैस का रिसाव रोकने के लिए प्लांट तक पहुंचे थे. पहले वीपी सिंह पहुंचे, जो गैस से बुरी तरह झुलस गए. उन्हें बचाने अभयनंदन पहुंचे, लेकिन वो भी झुलस गए. दोनों की मौत हो गई. साथी कर्मचारियों ने इन्हें प्लांट से बाहर निकाला. इस बीच धीरे-धीरे आस-पास के और भी तमाम लोग बेहोश होने लगे. सभी को IFFCO कॉम्प्लेक्स में ही बने अस्पताल में भर्ती कराया गया है. IFFCO के पीआरओ विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया –
साल का तीसरा बड़ा गैस लीक इससे पहले भी इस साल दो बड़े गैस लीक हो चुके हैं. मई 2020, विशाखापट्नम गैस लीक: विशाखापट्नम में 7 मई को LG पॉलीमर्स फ़ैक्ट्री से हुए स्टायरीन गैस रिसाव में 11 लोगों की मौत हो गई थी. रात करीब 3:30 बजे LG पॉलीमर्स कंपनी से धुआं निकलना शुरू हुआ. आस-पास के गांवों के लोगों को दिक्कत हुई. जब तक कोई कुछ समझ पाता, कई लोगों की मौत हो चुकी थी. जून 2020, असम गैस लीक: असम की राजधानी गुवाहाटी से करीब 490 किमी की दूरी पर है जिला तिनसुकिया. यहां स्थित है ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) का एक तेल का कुआं. इसमें पिछले 27 मई की सुबह साढ़े 10 बजे तेज़ धमाका हुआ. धमाका होते ही कुएं के आस-पास से ज़बरदस्त गैस लीकेज शुरू हो गया. लीकेज रोकने में महीनों लग गए. हालांकि कुएं के आस-पास की आबादी को समय पर हटा लिया गया तो जान का नुकसान सामने नहीं आया.
Advertisement
Advertisement
Advertisement