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पत्रकार आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी पर सियासत जारी, कांग्रेस ने अंकिता भंडारी मर्डर केस की रिपोर्टिंग से जोड़े तार!

Ankita Bhandari Murder Case को कवर कर रहे पत्रकार Ashutosh Negi को उत्तराखंड पुलिस ने अरेस्ट किया और उनकी वेबसाइट भी ब्लॉक कर दी. अब कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ट्विट करके इसे पत्रकारिता पर हमला बताया है.

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पत्रकार आशुतोष नेगी को गिरफ्तार कर लिया गया है. (तस्वीर: X)

उत्तराखंड (Uttrakhand) के स्थानीय पत्रकार आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी (Ashutosh Negi arrested) अब राजनीतिक रंग लेती जा रही है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने भाजपा पर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि सरकार और पुलिस के दम पर भाजपा अपनी पार्टी के नेताओं के अपराधों पर पर्दा डालने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि अंकिता भंडारी की हत्या के मामले में आवाज उठाने वालों को ही सजा दी जा रही है.

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी इस मामले पर एक सोशल मीडिया पोस्ट किया है.

वहीं कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए, भाजपा के राज्य मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने दोहराया कि नेगी की गिरफ्तारी का इस हत्या केस से कोई संबंध नहीं है.

इस बीच AAP की राज्यसभा सांसद स्वाती मालीवाल ने भी नेगी की गिरफ्तारी पर सवाल उठाया है. उन्होंने सोशल मीडिया X पर लिखा,

“उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी की हत्या के विरोध में परिवार ने CBI जांच की मांग की तो पुलिस ने उल्टा इस हत्या को रिपोर्ट करने वाले पत्रकार को ही गिरफ्तार कर लिया! अपराधियों को गिरफ्तार करने की बजाय, व्हिसलब्लोअर को गिरफ्तार करने से कानून व्यवस्था कैसे सुधरेगी?”

नेगी को 5 मार्च को गिरफ्तार कर लिया गया था. पुलिस के मुताबिक, नेगी को समाज में अव्यवस्था फैलाने के आरोप में और खासकर अंकिता भंडारी मर्डर केस के मामले में गिरफ्तार किया गया है. नेगी अपने न्यूज प्लेटफॉर्म पर इस केस से जुड़ी जानकारियों को लगातार छाप रहे थे. नेगी की न्यूज वेबसाइट को भी ब्लॉक कर दिया गया है.

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‘जागो उत्तराखंड’ की वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया गया है.

उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (DGP) अभिनव कुमार ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि नेगी को पौड़ी गढ़वाल पुलिस ने गिरफ्तार किया है. वो सितंबर 2022 में 19 साल की अंकिता भंडारी की हत्या के मामले में लोगों के बीच अविश्वास पैदा करने की कोशिश कर रहे थे. अभिनव कुमार ने बताया,

"इस मामले में विशेष जांच टीम ने चार्जशीट दायर किया है और मामला अदालत में लंबित है."

उन्होंने आगे कहा,

"मामले में चल रही सुनवाई के बावजूद हर दिन बयान देकर सरकार और पुलिस के प्रति अविश्वास की भावना पैदा करने की कोशिश की जा रही है."

पुलिस के अनुसार, नेगी पहले से ही SC/ST एक्ट के तहत आरोपों का सामना कर रहे हैं और गिरफ्तारी के दौरान पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई के आरोप में उनके खिलाफ एक और नया मामला दर्ज किया गया है.

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Ankita Bhandari Murder Case

24 सितंबर 2022 को ऋषिकेश के चीला नहर से अंकिता भंडारी का शव बरामद किया गया था. शव मिलने से कम से कम 6 दिनों पहले पुलिस को उनके लापता होने की सूचना मिली थी. पुलिस उपमहानिरीक्षक पी. रेणुका देवी की अध्यक्षता में एक SIT बनाई गई थी जो मामले की जांच कर रही है. 

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अंकिता भंडारी की हत्या हो गई थी.

अंकिता भाजपा से निष्कासित नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य के एक रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करती थीं. मामले में पुलकित आर्य की गिरफ्तारी भी हुई थी. आर्य पर झगड़े के बाद अंकिता को नहर में धक्का देने का आरोप लगा था. मामले में दो और लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. जिनके नाम हैं- अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर.

Ashutosh Negi कर रहे थे केस की रिपोर्टिंग

नेगी इस केस की लगातार रिपोर्टिंग कर रहे थे. उन्होंने अपने समाचार पत्र ‘जागो उत्तराखंड’ में भी इस पर कवर स्टोरी की थी. 

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‘जागो उत्तराखंड’ में अंकिता भंडारी मर्डर केस की खबर. (तस्वीर साभार: X)

साथ ही वो इस मामले को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर थे. इस धरना में उन्होंने जो सवाल उठाए थे उन्हीं सवालों को प्रतापनगर के विधायक विक्रम सिंह नेगी ने भी विधानसभा में उठाया था.

गिरफ्तारी की सूचना पहले ही मिल गई थी

गिरफ्तारी के एक दिन पहले 4 मार्च को नेगी ने X पर एक पोस्ट किया था. लिखा, 

“पुख्ता सूत्रों के हवाले से खबर, DGP अभिनव कुमार के SSP पौड़ी श्वेता चौबे को निर्देश, किसी भी तरह आशुतोष नेगी को नई धाराएं जोड़ जेल में धरो, मेरे जेल में जाने के बाद भी अंकिता को न्याय दिलाने के लिये लड़ाई जारी रहे.”

नेगी के इस पोस्ट के अगले ही दिन उनकी गिरफ्तारी हो गई. अंकिता भंडारी मर्डर केस के मामले में नेगी भाजपा नेता अजय कुमार की कॉल रिकॉर्डिंग और लोकेशन की जांच की मांग कर रहे थे. उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार पुलकित आर्य, विधायक रेणु बिष्ट, SDM प्रमोद कुमार और पटवारियों को सजा से बचा रही है. उन्होंने DGP अभिनव कुमार पर इस केस के पैरोकारों के परिजनों के उत्पीड़न और फर्जी मुकदमे में फंसाने का भी आरोप लगाया है. नेगी ने मांग की थी कि CM धामी नर्सिंग कॉलेज का नाम अंकिता के नाम पर किया जाए.

वीडियो: अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित के पिता विनोद आर्य ने बेटे को पूरी तरह से बेकसूर बताया