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'PM मोदी के ना आने से लोग दुखी'- मणिपुर की पूर्व राज्यपाल का बयान आया है, और क्या बोलीं?

Manipur Violence: पूर्व राज्यपाल Anusuiya Uikey ने मणिपुर के मुख्यमंत्री N Biren Singh को लेकर भी बात की है. उन्होंने क्या-क्या कहा?

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मणिपुर की पूर्व राज्यपाल अनुसुइया उइके. (फ़ोटो - India Today/PTI)

मणिपुर में 3 मई, 2023 से शुरू हुई हिंसा की आग अभी तक बुझी नहीं है. अब इस पर राज्य की तत्कालीन राज्यपाल अनुसुइया उइके की प्रतिक्रिया आई है (Anusuiya Uikey Manipur PM Modi). उनका कहना है, ‘हिंसा प्रभावित राज्य के लोग इस बात से दुखी हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी तक वहां नहीं पहुंचे हैं.’ वहीं, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) को हटाए जाने की मांग पर अनुसुइया ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कुछ ऐसे फ़ैसले नहीं लिए, जो हिंसा प्रभावित राज्य की स्थिति में नाटकीय बदलाव ला सकते थे.

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हिंदुस्तान टाइम्स के साथ बातचीत में अनुसुइया ने कहा,

उस समय जिस तरह के हालात थे, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने शायद कोई फ़ैसला लिया होगा. मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है. मणिपुर के लोग प्रधानमंत्री मोदी को पसंद करते हैं. वहां किए गए विकास कार्यों की वजह से लोग उनका सम्मान करते हैं. वे थोड़े दुखी हैं और कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री को मणिपुर का दौरा करना चाहिए.

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बता दें, मैतेई और कुकी लोगों के बीच इस संघर्ष में 200 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं और हज़ारों लोग बेघर हो गए हैं. अनुसुइया से पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर के लोगों को निराश किया है? इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा,

मुझे ऐसा नहीं लगता. मुझे लगता है कि उस समय प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस गए थे. भारत लौटने के बाद उन्होंने कैबिनेट मीटिंग में इस मुद्दे पर चर्चा भी की. केंद्र सरकार मणिपुर में स्थिति पर लगातार नज़र रख रही थी. गृह मंत्री स्थिति पर नियंत्रण बनाए हुए थे, जो लगातार बदल रही थी. स्थिति धीरे-धीरे शांतिपूर्ण हुई. प्रधानमंत्री ने भी मणिपुर में हो रही घटनाओं पर चिंता जताई थी.

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पूर्व राज्यपाल अनुसुइया ने बताया कि मणिपुर में स्थिति काफ़ी हद तक नियंत्रित हो गई है. अनुसइया ने बताया कि उन्होंने राहत शिविरों में दोनों समुदायों के बहुत से लोगों से मुलाक़ात की. जब अनुसुइया से पूछा गया कि क्या केंद्र और मणिपुर सरकार के बीच सामंजस्य नहीं है, क्या केंद्र ने एन बीरेन सिंह सरकार को ताक़त नहीं दी हुई है. तब उनका जवाब आया,

केंद्र और राज्य के बीच समन्वय है. मैंने भी मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, पुलिस के डायरेक्टर जनरल और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठकें की हैं. हमने राहत शिविरों में रह रहे लोगों की मुश्किलों पर चर्चा की है. हमने हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए घर भी बनाए और रहने की जगह मुहैया कराई.

बताते चलें, हाल के दिनों में मणिपुर से फिर हिंसा की ख़बरें आई हैं. 7 सितंबर को जिरीबाम में हिंसा से पांच लोगों की मौत हो गई. पुलिस के मुताबिक, एक व्यक्ति की सोते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई. वहीं, दो विरोधी समुदायों के हथियारबंद लोगों के बीच हुई गोलीबारी में चार अन्य लोग मारे गए. इधर, सुरक्षा एजेंसियों ने जिले में उग्रवादियों का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान भी चलाया. वहीं, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने स्थिति की समीक्षा के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों के साथ आपात बैठक की और राज्यपाल से मिलकर स्थिति के बारे में बताया है.

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