The Lallantop

एक छुपा खत एंजल प्रिया के नाम

स्नेह भरा प्रणाम, प्रेम इसलिए नहीं क्योंकि तुम हो एंजल और हम...

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फोटो - thelallantop
प्रिय एंजल प्रिया, स्नेह भरा प्रणाम, प्रेम इसलिए नहीं क्योंकि तुम हो एंजल और हम ठहरे सीधे-सादे लौंडे. खत इसलिए लिख रहे हैं कि तुमसे बहुत शिकायत है हमको. ये जो दिल्ली पूल ग्रुप पर भगवान जी का फोटो पोस्ट करती हो और लोग तुम्हें भक्त समझकर लाइक पर लाइक किए जाते हैं, हमको साला टेंशन होता है. और एक हमारा पोस्ट चाहे कितना भी प्रिज़्मा, रेट्रीका यूज़ कर लें, 11वें से 12वां लाइक नहीं आता. कई बार तो दोस्त सब को कहना पड़ता है, लाइक करो और शाम को समोसा चाय की पार्टी लो.
ये जो तुम आर्मी के जवान का फोटो डालकर देशभक्ति दिखाती हो ना, मैं तो कहता हूं, ऑफिसर लोगों को भी घर बैठकर फेसबुक ही चलाना शुरू कर देना चाहिए.
"गरीब की बेटी को कोई लाइक नहीं करेगा क्या" ऐसे पोस्ट पर मुझे तो दया आती है तुम पर. कभी-कभी रो भी लेता हूं कि सचमुच इस गरीब की बेटी को अगर लाइक नहीं किया, तो इसका सपना तो चकनाचूर हो जायेगा. तुम्हारे जैसी गरीब की बेटी, जिसे रोटी से ज्यादा चिंता फेसबुक लाइक की होती है. कसम से कितने निर्दयी हैं वो लोग, जो लाइक नहीं करते, खैर उन लाखों लोगों का शुक्रगुजार हूं, जो लाइक भी करते हैं और साथ-साथ कॉमेंट में अपना नम्बर भी लिख देते हैं, ताकि भविष्य में तुम्हें कोई परेशानी हो, तो तुम सम्पर्क कर सको. सच में ऐसे समाजसेवियों की इतनी तादाद है देश में, पता ही नहीं था. ये जो तुम भारतीय ड्रेस और वेस्टर्न स्कर्ट का तुलनात्मक अध्ययन करती हो. कि कौन अच्छा लग रहा. इसे देखकर तो कसम से तुम्हारे इस रिसर्च का हिस्सा मैं भी बन जाना चाहता हूं. जब देखता हूं कि लोग भारतीय ड्रेस को बेस्ट बताते हैं और लम्बे-लम्बे भाषण दे रहे होते हैं, कमेंट बॉक्स में, और जो चरित्रवान होने का प्रमाण दे रहे होते है, उनकी फेसबुक सर्च हिस्ट्री भरी पड़ी होती है दिल्ली पूल पार्टी में बिकिनी वाली लड़कियों को खोज-खोजकर. सामान्य ज्ञान, यूजीसी नेट, एसएससी ग्रुप में जब तुम्हारे पोस्ट देखता हूं, तो लगता है, तुम तैयारी कर रहे नौजवान छात्रों का कितना ध्यान रखती हो, जो वक़्त-बेवक़्त उनका मूड फ्रेश करने के लिए पोस्ट डालती रहती हो. फेसबुक पर चर्चा तो बस दो लोगों की ही होती है, एक तुम्हारी और दूसरी खुद मोदी जी की. अच्छा ये जो एंजल परिवार है, एंजल सोनिया, एंजल रश्मि, एंजल पिंकी ,ये सब सगी बहने हैं या चचेरी, ममेरी टाइप? दादी की परियों की कहानी और तुम टाइप एंजेलों में एक समानता है, उनकी वजह से पहले राजा-महाराजाओं की कटती थी, अब तुम्हारी एंजल फैमिली की वजह से आज-कल के लौंडे राजकुमारों की. भरी दुपहरी में जो रिचार्ज कराने जाते हैं, इस उम्मीद में कि रिचार्ज होते ही तुम्हारी आवाज सुनने को मिलेगी. पता नहीं, आज तक किसी ने तुम एंजलों की आवाज सुनी भी है कि नहीं. इसी वजह से शर्मा जी के एकमात्र लौंडे को स्वप्न दोष हो रखा है.
ये तभी सुधरेंगे जब तुम्हारे पोस्ट पर कमेंट में नम्बर लिखते ही इनके पास मैसेज आए- "Your account balance has been deducted by angle priya, thank-you for your comment"
किसी दिन फेसबुक से फुर्सत मिले, तो आओ मिलो किसी चाय की दुकान पर. वहीं बैठ कर चाय-मट्ठी का आनंद लिया जाए. और हां, अपनी चचेरी, ममेरी एंजेलों को लाना मत भूलना. मेरे सारे दोस्त, गुड्डू, छगन, सुरजितवा इंतजार कर रहे हैं. तुम्हारा शुभचिंतक सलीम बाबू ( प्रिज़्मा डिजिटल स्टूडियो वाले) साहेबगंज रोड, चकिया, बिहार

इसे गौरव गुप्ता ने लिखा है.

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