मनोज मुंतशिर ने एक वीडियो हाल ही में अपलोड किया है, जिसमें वो मुगल शासकों को आड़े हाथों ले रहे हैं (बाएं). वहीं एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो उर्दू को भारत की बेटी बता रहे हैं (दाएं). (फोटो- Video Screenshots)
गीतकार, लेखक मनोज मुंतशिर ने पिछले दिनों एक वीडियो अपलोड किया था. करीब 11 मिनट का वीडियो है. इसका टाइटल था-
आप किसके वंशज हैं? वीडियो में मनोज मुंतशिर ने मुगल शासकों को आड़े हाथों लिया, उन्हें 'ग्लोरिफाइड डकैत' कहा. वीडियो का कॉन्टेंट देख कुछ लोगों ने कहा- ठीक बात कही. कुछ लोगों ने इसे सांप्रदायिक कह डाला. न्यूज चैनल अब मनोज मुंतशिर के इंटरव्यू कर रहे हैं. इस बीच ट्विटर पर मनोज मुंतशिर का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें वो कह रहे हैं –
“उर्दू पाकिस्तान की बहू हो सकती है, बेटी तो हमारी ही है. क्योंकि जन्मी तो यहीं है, इसी देश में, हमारे हिंदुस्तान में. तो ये परायी कबसे हो गई? ज़बान रीज़न्स (क्षेत्र) की होती हैं, रिलीज़न्स (धर्म) की नहीं.”
इसी वीडियो में मनोज आगे कहते हैं –
“हम एक साझी संस्कृति का हिस्सा हैं. हम गंगा-जमुनी तहजीब का हिस्सा हैं. जितनी हमारी हिंदी है, उतनी ही हमारी उर्दू है. इन दोनों के बीच में कोई बंटवारा, कोई फ़र्क करने की कोशिश न करें क्योंकि ये हो नहीं सकता.”
अब जान लेते हैं कि मनोज मुंतशिर ने हाल में जो वीडियो शेयर किया, उसमें वे क्या कह रहे थे.
“पिछली कई सदियों से हमने अपने इतिहास की जमीनें लावारिस छोड़ रखी हैं. हम इस हद तक ब्रेनवॉश्ड हो गए कि अचानक हमारी प्री प्राइमरी टेक्स्ट बुक्स से ग से गणेश हटाकर ग से गधा लिख दिया गया और हमारे माथे पर बल तक नहीं पड़ा. हमारे घर तक आने वाली सड़कों के नाम भी किसी अकबर, हुमायूं, जहांगीर जैसे ग्लोरिफाइड डकैत के नाम पर रख दिए गए और हम रिबन काटते मौकापरस्त नेताओं को देखकर तालियां बजाते रहे. चित्तौड़गढ़ में 30 हज़ार सिविलियन्स को जिहाद के नाम पर काट डालने वाला आदर्श राजा था? आगरा के किले के सामने मीना बाज़ार लगवाने वाला जिल्लेइलाही था? जिल्लेइलाही, यानी ख़ुदा की परछाई. ये कौन सा खुदा है, जिसकी परछाई इतनी काली है? अपने हीरोज़ और विलेन्स जात-पात से ऊपर उठकर चुनिए, जो इस महान देश की परंपरा है. रावण एक ब्राह्मण था. भगवान ब्रह्मा की डायरेक्ट ब्लड लाइन में जन्मा था, लेकिन आपने किसी ब्राह्मण को रावण की स्तुति करते देखा है?”
अब इस वीडियो के बाद जब मनोज का पुराना वीडियो वायरल हो रहा है तो लोग कॉमेंट कर रहे हैं कि RSS की संगत में आकर उनके सुर इस तरह बदल गए हैं. जैसे पाली नाम की एक ट्विटर यूजर ने लिखा,
सोचो कितना पैसा मिला होगा आरएसएस से, फ्री में कोई कुछ नहीं करता?
हालांकि दूसरे पक्ष का कहना है कि मनोज मुंतशिर पुराने वीडियो में भाषा की बात कर रहे थे, जबकि नए में अपने हीरोज़ चुनने के बारे में बोल रहे हैं, इसलिए भेद हो सकता है.
पुराने वीडियो के अलावा मनोज मुंतशिर का एक पुराना लेख भी वायरल हो रहा है, जो अख़बार में छपा था. इसका एक हिस्सा पढ़िए, जिसमें मनोज लिखते हैं,
“महाराणा प्रताप का सेनापति कौन था? हकीम खान. एक मुसलमान, जिसने राणा के लिए हल्दीघाटी में अकबर से लोहा लिया. अकबर का सेनापति कौन था? राजा मानसिंह, एक हिंदू. छत्रपति शिवाजी के नेवी एडमिरल का नाम क्या था? दौलत खान.”
इसी लेख में आगे लिखा है -
"ऐसे कितने वाकयात हैं, जो इतिहास के पन्नों से हमें हिदायत दे रहे हैं कि इस देश को हिंदू-मुसलमान में बांटने की कोशिश न की जाए."
अब इस लेख पर मनोज या उनके फैंस क्या कहते हैं, इसका इंतज़ार है.