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क्या अगला टार्गेट खालिस्तानी पन्नू था?

एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू की अमेरिका में कथित हत्या की साजिश को नाकाम कर दिया है.

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खालिस्तान समर्थक पन्नू धमकी भरे बयान के कारण लगातार चर्चा में है.

ब्रिटेन के अखबार फाइनेंशियल टाइम्स (Financial Times) ने 22 नवंबर अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की ‘साजिश’ को अमेरिकी एजेंसियों ने नाकाम कर दिया गया है. खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannun) अपने विवादित बयानों के लिए हमेशा खबरों में रहता है. भारत-कनाडा रिश्तों में जब से तनातनी बढ़ी है तब से पन्नू के लगातार धमकी भरे बयान भी सामने आ रहे हैं. 

रिपोर्ट ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पन्नू को मारने की कथित साजिश क्यों विफल हुई, इसे लेकर अभी स्थिति साफ नहीं हो पाई है. जून में कनाडा के वैंकूवर में खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हो गई थी. जिसके बाद कनाडा के पीएम ट्रूडो ने इस हत्या की जानकारी सार्वजनिक की थी. फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट की मानें तो इसके बाद अमेरिका ने अपने कुछ सहयोगी देशों के साथ पन्नू की हत्या की साजिश के बारे में जानकारी साझा की. रिपोर्ट के अनुसार, जून 2023 में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान बाइडन सरकार ने इस मामले को लेकर भारत के समक्ष विरोध जताया था. 

इस मामले में एक कथित आरोपी के खिलाफ न्यूयॉर्क डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में सीलबंद केस दायर किया गया है. अमेरिका का जस्टिस डिपार्टमेंट अभी इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं है कि सीलबंद केस को अभी खोलकर आरोपों को सार्वजनिक किया जाए या हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच पूरी होने तक का इंतजार किया जाए.

इंडिया ने क्या कहा?

भारत सरकार ने फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट सामने आने के कुछ घंटे के भीतर ही अपनी प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि अमेरिका ने संगठित अपराधियों और आतंकवादियों के बीच नेक्सस से संबंधित जानकारी शेयर की थी. हमने इस मामले को गंभीरता से लिया है और हम इस मामले में आवश्यक कार्रवाई कर रहे हैं.

अमेरिका ने क्या कहा?

अमेरिकी कानून मंत्रालय और एफबीआई ने भी इस मामले में कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. वहीं, अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद भी इस मुद्दे पर डायरेक्ट कुछ न बोलकर बस इतना कहा कि अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा उनके लिए सबसे प्रमुख है.

अमेरिका को जवाब देना होगा - पन्नू

क्या अमेरिकी अधिकारियों ने इस मामले को लेकर गुरपतवंत पन्नू को अगाह किया था? पन्नू ने इस बारे में कोई जवाब देने से इंकार कर दिया. ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ के मुताबिक, पन्नू ने कहा कि अमेरिकी सरकार को उनकी सुरक्षा को लेकर जवाब देना होगा. उसने आगे कहा, 

"भारतीय गुर्गों के चलते मेरे ऊपर मंडरा रहे खतरे को लेकर अमेरिका को जवाब देना होगा. किसी अमेरिकी नागरिक को खतरा अमेरिका की संप्रभुता के लिए एक चैलेंज है. मुझे भरोसा है कि बाइडन सरकार इस तरह कि चुनौती से निपटने में सक्षम है.

दो दिन पहले एनआईए ने पन्नू के खिलाफ किया था मामला दर्ज

सिख फ़ॉर जस्टिस का नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू अमेरिका और कनाडा का नागरिक है. उसने इस महीने की शुरुआत में एक वीडियो में धमकी जारी की थी. वीडियो में पन्नू लोगों से 19 नवंबर को एयर इंडिया के विमानों से यात्रा नहीं करने की बात कह रहा था. इसके बाद भारतीय एयरपोर्ट्स की सुरक्षा व्यवस्था और बढ़ा दी गई थी. इस धमकी भरे बयान के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) ने पन्नू के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इसके अलावा देश के विभिन्न इलाकों में पन्नू से जुड़े 14 ठिकानों पर एनआईए ने छापेमारी की थी.

अपनी इस धमकी को लेकर पन्नू ने ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ से कहा कि वो एयरइंडिया के खिलाफ कोई हिंसा भरी धमकी नहीं दे रहा था. अमेरिकी धरती पर पन्नू को मारने की कथित साजिश की रिपोर्ट एनआईए के मामला दर्ज करने के दो दिन बाद आई है.

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