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ट्रंप के आगे झुके जेलेंस्की! यूक्रेन के 43 लाख करोड़ के खनिज करेंगे अमेरिका के हवाले?

तीन सीनियर यूक्रेनी अधिकारियों ने मंगलवार, 25 फरवरी को दावा किया कि यूक्रेन को उम्मीद है कि समझौता मंज़ूर होने से यूक्रेन को ज़रूरी अमेरिकी सैन्य मदद जारी रहेगी. दावा है कि मिनरल डील पर शुक्रवार 28 फरवरी तक साइन हो सकते हैं. हालांकि, अमेरिका ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि समझौते की शर्तों पर सहमति बन गई है या नहीं.

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28 फरवरी को साइन हो सकती है डील.

अमेरिका और यूक्रेन (US-Ukraine Deal) के बीच ‘खनिज डील’ (Rare Earth Minerals) पर सहमति बनने की बात सामने आई है. इसका दावा दबी ज़ुबान में यूक्रेन के कुछ अधिकारियों ने किया है. कहा जा रहा है कि डील पर इसी हफ्ते दोनों देशों के बीच करार हो सकता है. गौरतलब है कि ‘खनिज डील’ को लेकर अमेरिका और यूक्रेन के बीच काफी खींचतान थी. लेकिन अब इस सौदे को जल्द अमलीजामा पहनाया जा सकता है.

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बता दें कि मीडिया के साथ बातचीत में ट्रंप ने कहा था कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की 28 फरवरी को अमेरिका आ सकते हैं. यहां आकर वो एक ‘बड़ी डील’ पर साइन करना चाहते हैं. राष्ट्रपति ट्रंप से जब पत्रकारों ने पूछा कि ‘मिनरल्स डील’ के बदले यूक्रेन को क्या मिलेगा तो उन्होंने कहा, ‘लड़ने का अधिकार.’ 

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन के तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने नाम ना छापने की शर्त पर इस डील के बारे में जानकारी दी. उनमें से एक ने कहा कि यूक्रेन को उम्मीद है कि समझौता मंज़ूर होने से यूक्रेन को ज़रूरी अमेरिकी सैन्य मदद जारी रहेगी. दावा है कि मिनरल डील पर शुक्रवार, 28 फरवरी तक साइन हो सकते हैं. हालांकि, अमेरिका ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि समझौते की शर्तों पर सहमति बन गई है या नहीं.

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मिनरल डील पर आमने-सामने थे ट्रंप और ज़ेलेंस्की

यूक्रेन में मौजूद दुर्लभ खनिज को पाने के लिए ट्रंप ने आक्रामक रूख दिखाया था. ट्रंप ने धमकी भरे लहजे में कहा था कि रूस किसी भी दिन यूक्रेन को अपने कब्ज़े में ले सकता है. अगर यूक्रेन चाहता है कि रूस के खिलाफ उसे लगातार अमेरिकी सैन्य मदद मिलती रहे, तो उसे 500 बिलियन डॉलर (लगभग 43 लाख करोड़ रुपये) के दुर्लभ खनिज अमेरिका को सौंपने होंगे. अगर यूक्रेन नहीं मानेगा तो अमेरिका यूक्रेन को और मदद देना बंद कर देगा. यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की इस डील को लेकर राज़ी नहीं थे. उन्होंने कहा था, ‘मैं देश नहीं बेच सकता.’

लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि दोनों राष्ट्र प्रमुखों ने अपनी ज़िद पर लगाम लगाई है. ट्रंप ने कथित तौर पर 500 बिलियन डॉलर वाली मांग को फिलहाल के लिए छोड़ दिया है. वहीं ज़ेलेंस्की भी दुर्लभ खनिज अमेरिका को देने पर राज़ी हो गए है.

यूक्रेन के खनिज में क्या है?

न्यूयॉर्क टाइम्स ने कीव स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के हवाले से बताया कि यूक्रेन के पास टाइटेनियम, लिथियम, यूरेनियम समेत 100 से ज्यादा अहम खनिजों का भंडार हैं. तेल और प्राकृतिक गैस के भंडार भी हैं. चलिए बताते हैं इनका इस्तेमाल किन-किन चीज़ों में होता हैः

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  • टाइटेनियमः निर्माण, हवाई जहाज, आर्थोपेडिक सर्जरी और पेंट और कॉस्मेटिक्स जैसे सनस्क्रीन आदि में किया जाता है. दुनिया के क़रीब 6 प्रतिशत टाइटेनियम का उत्पादन सेंट्रल यूक्रेन में होता है.
  • लिथियमः ये बैटरी बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला सबसे अहम खनिज है. इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक गाड़ियों और दूसरी इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में होता है. कई दवाइयां बनाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. यूक्रेन के पास यूरोप के कुल भंडार का एक तिहाई हिस्सा है. इसकी कुछ खदानें युद्ध वाले इलाकों में भी हैं. 
  • यूरेनियमः इसका इस्तेमाल न्यूक्लियर पावर प्लांट्स और न्यूक्लियर हथियारों में किया जाता है. यूक्रेन के पास यूरोप में सबसे बड़ा यूरेनियम भंडार है.

ट्रंप इसे लेकर ही बीते क़रीब एक 1 महीने से यूक्रेन पर अमेरिका को दुर्लभ खनिज देने को लेकर दबाव बना रहे थे.

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