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कृषि मंत्री तोमर का इशारा, 'फिर लौटेंगे' वापस लिए गए कृषि कानून

संसद के शीतकालनी सत्र के दौरान रद्द किए जा चुके हैं कृषि कानून.

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कृषि मंत्री तोमर ने दिया तीनों कानून वापस आने का इशारा. तस्वीर- आजतक
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने महाराष्ट्र में एक कार्यक्रम के दौरान कृषि कानून पर बयान देकर हलचल तेज कर दी है. तोमर ने कानून वापस लेने के पीछे "कुछ लोगों" को जिम्मेदार ठहराया है. तोमर का ये बयान उस वक्त आया जब कृषि कानून रद्द किए जा चुके हैं और इनके खिलाफ एक साल से भी अधिक समय तक चला किसान आंदोलन भी स्थगित किया जा चुका है. इसी के साथ कृषि मंत्री ने तीनों कानूनों को दोबारा पेश किए जाने को लेकर इशारा भी कर दिया है. क्या बोले तोमर? कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वापस लिए गए कानूनों को लेकर कहा,
"हम कृषि संशोधन कानून लाए. लेकिन कुछ लोगों को ये कानून पसंद नहीं आए. ये आजादी के 70 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बड़ा सुधार था. लेकिन सरकार निराश नहीं है. हम एक कदम पीछे हटे हैं, हम फिर आगे बढ़ेंगे क्योंकि किसान भारत की रीढ़ हैं."
विपक्ष ने साधा सरकार पर निशाना केंद्रीय कृषि मंत्री के इस बयान पर विपक्ष की भी प्रतिक्रिया आई है. कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि पीएम मोदी तीन काले कृषि कानूनों के लिए माफी मांगते हैं, देश के कृषि मंत्री उन कानूनों को एक बार फिर सही बताते हैं. मोदी सरकार तीन काले कानून खत्म करती है, कृषि मंत्री कहते हैं कानून फिर लाएंगे. सुरजेवाला ने कृषि मंत्री तोमर के बयान का एक वीडियो भी ट्वीट किया है. एक साल तक चला आंदोलन पंजाब, यूपी, हरियाणा और राजस्थान के हजारों किसानों ने पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन शुरू किया था. इस दौरान कई जगह सुरक्षाबलों और किसानों की हिंसक झड़प भी देखने को मिली थी. सरकार ने पिछले महीने सभी कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया. इस ऐलान के बाद किसानों ने MSP और अन्य मांगे सरकार के सामने रखी थीं. सरकार द्वारा सभी शर्तें मान लेने के बाद किसान आंदोलन को स्थगित कर दिया गया और प्रदर्शनकारी किसान अपने घर लौट गए.

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