अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन के बीच बिहार पुलिस ने सोमवार 20 जून को कई जगहों पर छापेमारी की. पटना के चर्चित टीचर गुरु रहमान के घर और उनके कोचिंग सेंटर पर भी तलाशी की गई. गुरु रहमान पर दानापुर रेलवे स्टेशन पर हुई हिंसा को लेकर आरोप लगाया गया है. उनके खिलाफ दानापुर पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज होने के बाद ये कार्रवाई की गई. पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कहा है कि हिंसा में कोचिंग संचालकों की भूमिका भी संदिग्ध है. पुलिस की छापेमारी के बाद गुरु रहमान की गिरफ्तारी को लेकर भी आशंका जताई जा रही है.
बिहार में अग्निपथ योजना के खिलाफ हिंसा के बाद चर्चा में आए गुरु रहमान कौन हैं?
सिविल सर्विसेज, बैंकिंग और इस तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के बीच गुरु रहमान काफी लोकप्रिय हैं.

मोतिउर रहमान खान उर्फ गुरु रहमान. सिविल सर्विसेज, बैंकिंग और इस तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय हैं. पटना के कई इलाकों में रहमान सर की कोचिंग क्लास है. आजतक से जुड़े सुजीत झा की रिपोर्ट के मुताबिक गुरु रहमान गरीब छात्रों से सिर्फ 11 रुपये लेकर उन्हें अपने संस्थान में दाखिला देते हैं. बताया जाता है कि वो हजारों छात्रों को कई प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिला चुके हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, रहमान मूल रूप से बिहार के सारण जिले के रहने वाले हैं. 10 जनवरी 1974 को जन्मे गुरु रहमान की शुरुआती पढ़ाई डेहरी ऑन सोन से हुई. इसके बाद बीएचयू से प्राचीन इतिहास में स्नातक किया. पुरातत्व में मास्टर्स किया. पढ़ाई के बाद उन्होंने छात्रों की कोचिंग लेनी शुरू की. पटना यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाया, जहां उन्हें यूजीसी की ओर से बेस्ट टीचर का अवार्ड मिला. उन्होंने ऋग्वेद कालीन आर्थिक और सामाजिक विषय पर रिसर्च भी किया है.
गुरु रहमान ने 1997 में अमिता नाम की लड़की से अंतरधार्मिक शादी की. इसमें परिवारवालों की सहमति नहीं थी. घरवालों की आपत्ति के बाद पत्नी के साथ अलग रहने लगे. दोनों ने अपने बच्चों के नाम के आगे कोई धार्मिक या जातीय सरनेम नहीं लगाया. सुजीत झा की रिपोर्ट के मुताबिक, रहमान ने गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए 2010 में अपनी बेटी अदित के नाम पर गुरुकुल खोला. अधिक से अधिक छात्रों को पढ़ाने के लिए अपनी फीस काफी कम रखी. रहमान को वेद और कुरान की अच्छी जानकारी है.
छापेमारी के बाद बोले रहमानअपने कोचिंग सेंटर पर छापेमारी के बाद रहमान सर ने कहा कि सरकार की नई योजना किसी को समझ नहीं आई है. उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा,
"सभी बच्चे अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे थे इसलिए मैं भी अग्निपथ का विरोध कर रहा था, क्योंकि ये योजना किसी को समझ नहीं आई और न ही किसी ने इसे समझाने का प्रयास किया. मैंने बच्चों को केवल एक ही संदेश दिया कि आप अहिंसा के रास्ते को अपनाएं. जब अहिंसा से देश आज़ाद हो सकता है तो अग्निपथ योजना क्यों नहीं वापस हो सकती? मैंने अग्निपथ योजना से संबंधित एक भी मैसेज इधर-उधर नहीं भेजा है."
इससे पहले रहमान सर ने अग्निपथ योजना को लेकर 'बिहार तक' से भी बातचीत की थी. 16 जून को उन्होंने हिंसा का विरोध किया था और साथ ही कहा था कि सरकार छात्रों को समझा पाने में पूरी तरह विफल है. गुरु रहमान ने कहा था,
"बच्चों के साथ कुछ असामाजिक तत्व मिल गए हैं. ट्रेन में आग लगाना, लूटपाट करना, पटरी उखाड़ना, ये किसी भी तरीके से छात्रों का काम नहीं है. जो कर रहे हैं वो गलत कर रहे हैं. सरकार बिना सोचे-समझे इस योजना को लेकर आ गई. प्रधानमंत्री को सेना में कम से कम इस तरह का प्रयोग नहीं करना चाहिए था."
अग्निपथ योजना के खिलाफ सबसे हिंसक प्रदर्शन बिहार में देखने को मिला है. पिछले हफ्ते राज्य में प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने कई ट्रेनों में आग लगा दी थी. कई जगहों पर तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं. इसके कारण राज्य सरकार ने कई जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी. प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ और आगजनी को लेकर बिहार पुलिस ने अब तक 161 FIR दर्ज की हैं और 922 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है.