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'अटल सरकार ने कहा- मौलाना मसूद को सौंप दो, रुपयों से मालामाल कर देंगे तालिबान'

आतंकी मौलाना मसूद अजहर ने किया दावा.

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फोटो - thelallantop
'हे आतंकी संगठन तालिबान, मौलाना मसूद अजहर को इंडिया को सौंप दो. बदले में खूब सारा पइसा देंगे.'
1999 में इंडियन प्लेन हाईजैक हुआ. इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 को कंधार ले जाया गया. पैसेंजर्स को छोड़ने के बदले जैश-ए-मोहम्मद के 'आका इन चीफ' मौलाना मसूद अजहर को रिहा किया गया. अब वही मौलाना मसूद अजहर कह रहा है, 'इंडियन गवर्मेंट ने मुझे गिरफ्तार करवाकर सौंपने के लिए तब की तालिबान सरकार को रुपये देने की पेशकश थी.'
अफगानिस्तान में तब आतंकी संगठन तालिबान की हुकुमत चलती थी. अजहर ने दावा किया कि ये ऑफर तब की एनडीए सरकार के विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने दिया था. जानते हैं ये ऑफर किसको मिला था. वही तालिबान का नरक पहुंच चुका मुखिया, मुल्ला अख्तर मोहम्मद मंसूर. मंसूर पिछले महीने अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया था. उसी के लिए दिए शोक संदेश में मसूद अजहर ने ये दावा किया है.
द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, अल-कलाम नाम की जैश-ए-मोहम्मद की वीकली ऑनलाइन मैगजीन है. उसी के 3 जून के इश्यू में ये बात कही गई. बता दें कि 1999 में कंधार में हाईजैक प्लेन को छोड़ने के बदले हाईजैकर्स ने अजहर समेत तीन आतंकियों को छोड़ने की डिमांड की थी. इंडियन गवर्मेंट ने तब मौलाना मसूद अजहर, मुस्ताक अहमद जारगर और अहमद उमर सईद शेख को 31 दिसंबर 1999 को रिहा किया था. मंसूर अख्तर ने कंधार एयरपोर्ट पर मौलाना मसूद अजहर को तब रिसीव किया था. सफेद रंग की लैंड क्रूजर में आया था ससुरा लेने के लिए. शोक संदेश में मौलाना मसूद अजहर ने लिखा,
'मैं जब मुल्ला अख्तर मोहम्मद मंसूर से कंधार एयरपोर्ट पर मिला. ये एयरपोर्ट मंसूर के मंत्रालय के अंतर्गत ही आता है. मैं कराची की डेलिगेशन का हिस्सा था. तालिबान ने तब डेलिगेशन को काबुल से कंधार लाने के लिए एक प्लेन मुहैया कराया था. जहां मोहम्मद मंसूर ने हमारा स्वागत किया. वो हमें वीआईपी लाउंज में ले गए. मुल्ला साहिब ने सोफे की अपनी बगल वाली सीट पर मुझे बैठाया. तब उन्होंने मुझे बताया कि विदेश मंत्री जसवंत सिंह भी इसी सोफे पर बैठे थे. जब वो तुम्हें कंधार छोड़ने आए थे. मंसूर ने मुझे बताया कि जसवंत सिंह ने उन्हें ऑफर दिया था. ऑफर ये कि जब इंडियन गवर्मेंट मुझे (मौलाना मसूद अजहर) को सौंपे. तब तालिबान सरकार उसे फिर अरेस्ट करके हमें सौंप दें. हम आपकी हुकुमत को मालामाल कर देंगे. तब मंसूर ने उनसे कहा था कि अगर तुम लोग सही सलामत इंडिया पहुंच जाओ. यही बड़ी बात होगी.'
बता दें कि तब के रॉ चीफ एएस दौलत ने अजहर के इस दावे को खारिज किया. बोले, 'उस पूरे मामले में रुपयों को लेन-देन कभी नहीं रहा. इस दावे को कोई भी वैरिफाई नहीं कर सकता. क्योंकि एक मर चुका है. दूसरे कोमा में हैं.' जानिए मौलाना मसूद के जैश-ए-मोहम्मद की 10 बातें

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