ये तस्वीरें फोटोशॉप से बनाई हुई नहीं हैं. लेकिन इस पर भड़कने से पहले थोड़ा रुकिए. सारे कुएं में ही भांग घुली है, अमेजन का दोष इतना बड़ा भी नहीं हैं. गुस्सा होना है तो इन पर होइए.
ये चप्पलें कैफ़े प्रेस की हैं, ये एक ऑनलाइन गिफ्ट शॉप है. केंटुकी में इसका हेडक्वार्टर है. ये लोग तो भगवान शंकर वाली चप्पलें भी बेचते हैं.
यहां तक कि ये तिरंगे वाली चप्पलें भी बेच रहे हैं.
अगर आप चप्पलों पर ऑफेंड हो रहे हैं, कि तिरंगा और मैप क्यों छपा है तो एक और ओफेंसिव बात है. जो झंडा और मैप छपा है उसमें से कश्मीर ही गायब है.
तो बात सीधी सी कि अमेजन बस को दोष देने से कुछ होना जाना नहीं है. या तो इन लोगों पर ध्यान ही न दीजिए. या पीछा पकड़िए तो सबका पकड़िए और हर जगह से चीजें हटवाने के मिशन में लग जाइए. क्योंकि ये कंपनियां विदेशी हैं तो इसमें मेहनत भी बहुत बढ़ जानी तय मानिए. पायदान पर झंडे से हमें दिक्कत है, तो कच्छे पर दूसरों के झंडे से क्यों नहीं?
















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