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'ट्रीटमेंट अच्छा मिल जाता तो मैं भी बच जाता' आखिरी पोस्ट लिखने वाले यूट्यूबर राहुल वोहरा की मौत

कोरोना संक्रमित थे, फेसबुक पोस्ट के जरिए मांगी थी मदद.

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एक्टर राहुल वोहरा का निधन हो गया. (फोटो क्रेडिट- राहुल के फेसबुक वॉल से

एक्टर राहुल वोहरा. कोरोना से संक्रमित थे. शनिवार 8 मई को उनका निधन हो गया. इस बात की पुष्टि खुद उनके दोस्त और डायरेक्टर अरविंद गौड़ ने की है. उन्होंने अपने फेसबुक वॉल पर एक पोस्ट शेयर किया और लिखा-

राहुल वोहरा चला गया. मेरा होनहार एक्टर अब नहीं रहा. कल ही राहुल ने कहा था कि "मुझे अच्छा इलाज मिल जाता तो मैं भी बच जाता." कल शाम ही उसे राजीव गांधी हास्पिटल से आयुष्मान, द्वारका में शिफ्ट किया गया, पर.. राहुल हम सब तुम्हें नहीं बचा पाए, माफ करना, हम तुम्हारे अपराधी है.. आखिरी नमन..

बता दें कि राहुल वोहरा ने फेसबुक पर शनिवार दोपहर 12:38 पर लास्ट पोस्ट लिखा था. इसके मुताबिक-

मुझे भी ट्रीटमेंट अच्छा मिल जाता तो मैं भी बच जाता, तुम्हारा राहुल वोहरा

नाम- राहुल वोहरा

उम्र- 35

अस्पताल का नाम- राजीव गांधी सुपर स्पेशियलटी हॉस्टपिटल, ताहिरपुर, दिल्ली

बेड संख्या- 6554

फ्लोर- 6वीं, बी विंग, HDU

PM नरेंद्र मोदी और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदियो को टैग करके आगे लिखा-

जल्द जन्म लूंगा और अच्छा काम करूंगा. अब हिम्मत हार चुका हूं.

इसके बाद इस पोस्ट पर लोगों ने सवाल खड़े करने शुरू कर दिए. यूट्यूबर शशांक मिश्रा ने एक लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा. कहा कि सोशल मीडिया के जरिए मदद नहीं मिलती. इसलिए ग्राउंड पर भी लोगों से संपर्क बनाकर रखिए. राहुल वोहरा जैसे लाखों लोगों ने अपनी जान इलाज के अभाव में गंवा दी. हम धर्म, मंदिर, मस्जिद को तवज्जो देते रह गए. सरकार ने भी अस्पताल, ऑक्सीजन का इंतजाम नहीं किया. जबकि देश के बड़े वैज्ञानिक संस्थानों ने चेताया. इसलिए आपस में मिलकर मदद करनी होगी. सरकार के भरोसे कुछ नहीं होने वाला.

इनके अलावा एक स्टार्टअप फाउंड सौरभ मिश्रा ने पोस्ट लिखा

फेमस यूट्यूबर राहुल वोहरा नहीं रहे. वो अस्पताल से लगातार पोस्ट करके जिम्मेदार लोगों से मदद मांगते रहे और हम जैसे फैन भी सोशल मीडिया से उनके लिए आवाज उठाते रहे, लेकिन किसी ने नहीं सुनी. दोस्त की आत्मा को शांति मिले.

दरअसल, राहुल वोहरा ने चार मई को एक पोस्ट किया था. इसमें उन्होंने मदद मांगी थी. लिखा था-

मैं कोविड पॉजिटिव हूं. एडमिट हूं. लगभग चार दिन से लेकिन कोई रिकवरी नहीं. क्या कोई ऐसा अस्पताल है, जहां ऑक्सीजन बेड मिल जाए? क्योंकि यहां मेरा ऑक्सीजन लेवल लगातार नीचे जा रहा है. और कोई देखने वाला नहीं दिल्ली में. मैं बहुत मजबूर होकर ये पोस्ट कर रहा हूं. क्योंकि घरवाले कुछ संभाल नहीं पा रहे.

इसके बाद उनका दूसरा और आखिरी पोस्ट शनिवार को आया, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें अच्छा इलाज नहीं मिला. फेसबुक पोस्ट वायरल होने पर मामले में आम आदमी पार्टी विधायक दिलीप पांडेय ने भी संज्ञान लिया. अस्पताल को कॉल कर बेहतर इलाज की बात कही. जिस पर उन्हें राहुल के BiPAP पर क्रिटिकल होने की जानकारी मिली. डॉक्टर्स की ओर से हरसंभव इलाज की बात कही गई. बाद में उन्हें दूसरे प्राइवेट अस्पताल में शिफ्ट भी कराया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका.