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RSS की मैगजीन में काम करने वाले को 'सर तन से जुदा' की धमकी मिली, धमकी प्राणप्रिय वत्स ने दी थी!

गाजियाबाद पुलिस ने बताया प्राणप्रिय वत्स और शिकायत करने वाला शख्स एक दूसरे को जानते थे. प्राणप्रिय को पुलिस ने अरेस्ट किया.

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शिकायत की गई थी कि पांचजन्य में काम करने वाले को जान से मारने की धमकी मिली. (फोटो: सोशल मीडिया)

निशांत आज़ाद. RSS की पत्रिका पांचजन्य में काम करते हैं. कुछ दिन पहले निशांत ने बताया था कि उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी. कहा कि वर्चुअल नंबर से उन्हें एक शख्स ने 'सर तन से जुदा' की धमकी दी. अब इस मामले में आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया गया है. आरोपी का नाम प्राणप्रिय वत्स है. आरोपी, निशांत आज़ाद का पुराना परिचित है.

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किसने दी धमकी?

आजतक से जुड़े मयंक गौड़ की रिपोर्ट के मुताबिक़, 13 सितंबर को निशांत ने पुलिस में ये तहरीर दी थी कि एक वर्चुअल नंबर से उन्हें 'सर तन से जुदा' की धमकी दी गई है. उस वॉट्सऐप चैट का स्क्रीनशॉट भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. चैट में उर्दू भाषा में कुछ लिखा है. इसपर निशांत ने भेजने वाले की पहचान पूछी. सामने से जवाब आया, 'इस्लाम के ख़िलाफ़ प्रॉपगैंडा मत करो. इसकी क़ीमत चुकानी पड़ेगी.'

निशांत ने फिर से पहचान ज़ाहिर करने को कहा. इसके बाद आरोपी ने लिखा, 'गुस्ताख़-ए-नबी की एक ही सज़ा, सर तन से जुदा! सर तन से जुदा!'

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निशांत ने इस मामले से जुड़ी शिकायत ग़ाज़ियाबाद के इंदिरापुरम पुलिस थाने में दर्ज कराई. पुलिस की साइबर और सर्वेलांस टीमें मामले की जांच में जुट गईं. मीडिया से बात करते हुए निशांत ने ये भी बताया कि मेसेज के बाद उन्हें कॉल और वीडियो कॉल भी आया था, जिसका जवाब उन्होंने नहीं दिया था. इस बीच मीडिया में खबरें छपीं कि निशांत को कट्टरपंथियों ने धमकी दी है .

अब इस मामले में पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया है. पुलिस ने अपने आधिकारिक बयान में बताया कि आरोपी और निशांत एक-दूसरे को ढाई साल से जानते हैं. निशांत ने आरोपी को ढाई लाख रुपए उधार दे रखे थे और बार-बार उससे उधार वापस मांग रहे थे. तो आरोपी ने निशांत को डराने और ध्यान भटकाने के लिए उन्हें ये धमकी दी.

पिछला मामला झूठा निकला

कुछ दिन पहले ग़ाज़ियाबाद के ही एक डॉक्टर ने ऐसी ही धमकी मिलने की बात कही थी. डॉक्टर अरविंद वत्स ने कहा था कि हिंदू संगठनों का समर्थन करने के लिए उन्हें सर तन से जुदा की धमकी मिली. डॉक्टर वत्स ने बताया कि पहली बार उन्हें एक सितंबर की रात को इस नंबर से कॉल आई थी. उन्होंने कॉल का जवाब नहीं दिया क्योंकि वो सो रहे थे. इसके बाद फिर उसी नंबर से 7 सितंबर को कॉल आया. फोन करने वाले शख्स ने कहा कि अगर वो हिंदू संगठनों का समर्थन करेंगे, तो उनका सिर क़लम कर दिया जाएगा. मामला पुलिस में दर्ज किया गया. पुलिस की जांच बैठी. इसके बाद 18 सितंबर को पुलिस ने बताया कि ये मामला फर्जी है. पुलिस ने कहा कि डॉक्टर ने ख़ुद ही ये मामला रचा था और पॉपुलैरिटी के लिए कहानी बनाई. 

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