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चोरी का Wi-Fi इस्तेमाल करना इस्लाम में गुनाह है

सुनने में बेतुका लग सकता है. लेकिन बात एकदम सच्ची है. एक फतवा जारी हुआ है.

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Credit: Reuters
पराया धन, परायी नार पर नज़र मत डालो, बुरी आदत है ये आदत अभी बदल डालो
ये गाना अगर आज सऊदी में लिखा जाता. तो इसमें पराये Wi-Fi पर भी नजर ना डालने के लिए कहा गया होता. सऊदी के एक इस्लामिक स्कॉलर अली अल हकामी ने नया फतवा जारी किया है.
फतवे के मुताबिक़,
किसी और का Wi-Fi इस्तेमाल करना इस्लाम की नज़र में गुनाह है. ऐसा करने वालों पर बैन लगना चाहिए. 
हकामी कहते हैं, इस्लाम में चोरी करना गुनाह है. किसी और का Wi-Fi उससे बिना पूछे इस्तेमाल करना भी एक तरह की चोरी है. इसलिए इस पर रोक लगनी चाहिए. अगर Wi-Fi का बिल देने वाला आपको Wi-Fi इस्तेमाल करने की परमिशन देता है. तभी आप उसका Wi-Fi इस्तेमाल कर सकते हैं. जहां पर ओपन Wi-Fi नेटवर्क होते हैं. जैसे होटल, पार्क या मॉल. तब वो Wi-Fi यूज़ करना जायज़ है. क्योंकि इन जगहों पर Wi-Fi लगाये ही लोगों के इस्तेमाल के लिए जाते हैं. वो गुनाह नहीं होगा. लेकिन किसी का पर्सनल Wi-Fi इस्तेमाल करना गुनाह है.
Credit: Gifey
Credit: Gifey
माना किसी और का Wi-Fi यूज़ करना गलत बात होती है. लेकिन उसके लिए कोई धार्मिक नियम बना देना कितनी बेतुकी सी बात है.
अगर कोई किसी फैसिलिटी के लिए पैसे दे रहा है तो फायदा भी उसे ही मिलना चाहिए. कोई और पैरासाइट की तरह उसका फायदा उठाए ये गलत बात तो है. लेकिन शायद इसीलिए 'पासवर्ड' नाम की चीज़ ईजाद की गयी थी. सऊदी में ज्यादातर लोग अपने Wi-Fi में पासवर्ड नहीं लगाते. इसीलिए लोग दूसरों के Wi-Fi का दिल खोल कर इस्तेमाल करते हैं. फतवा जारी करने से बेहतर है, लोग अपने  Wi-Fi में पासवर्ड ही लगा लें.

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