गुजरात में एक चाय की दुकान लगाने वाला है. पढ़ा-लिखा नहीं है. महीने की इतनी ही आय होती है, जिससे घर खर्च चल सके. लेकिन इन्हें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एक नोटिस भेजा है. वो भी पूरे 49 करोड़ रुपये का. बाद में जब इस मामले की जांच पड़ताल हुई तो सच कुछ और ही निकला. दरअसल चाय वाले के पैन कार्ड से करोड़ों का लेनदेन हो रहा था. अब सवाल ये है कि जब चायवाले की इतनी इनकम नहीं है तो ये लेनदेन कौन कर रहा था?
गुजरात के चाय वाले को मिला 49 करोड़ का इनकम टैक्स नोटिस, पैन कार्ड बनवाने वालों ने किया था खेल
अगस्त 2023 में खेमराज को इनकम टैक्स की तरफ़ से नोटिस आया था. लेकिन उनके परिवार में से किसी को अंग्रेज़ी पढ़नी नहीं आती थी. इसलिए उन्होंने नोटिस पर ध्यान नहीं दिया. कुछ दिन बाद वापस नोटिस आया तो खेमराज एक जान-पहचान वाले वकील के पास गए. तब उन्हें जुर्माने के बारे में पता चला.

आजतक से जुड़े बृजेश की रिपोर्ट के मुताबिक़ चायवाले का नाम खेमराज दवे है. वो गुजरात के पाटण का रहने वाला है. और पिछले दस साल से पाटण के गंज बाज़ार में चाय की दुकान लगाता है. इसी से परिवार का गुजारा होता है. अगस्त 2023 में खेमराज को इनकम टैक्स की तरफ़ से नोटिस आया था. लेकिन उनके परिवार में से किसी को अंग्रेज़ी पढ़नी नहीं आती थी. इसलिए उन्होंने नोटिस पर ध्यान नहीं दिया. कुछ दिन बाद वापस नोटिस आया तो खेमराज एक जान-पहचान वाले वकील के पास गए. तब उन्हें जुर्माने के बारे में पता चला.
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रिपोर्ट के मुताबिक़ खेमराज के पास पैन कार्ड नहीं था. इसलिए कई साल पहले उन्होंने गंज बाज़ार में अनाज खरीदने वाले एजेंट अल्पेश पटेल और विपुल पटेल को अपने डॉक्यूमेंट्स दिए थे. बस यहीं वो बड़ी गलती कर गए. दोनों ने खेमराज को पैन कार्ड बनवाकर दिया, लेकिन उनके दस्तावेजों के जरिये करोड़ों का खेल कर दिया. खेमराज ने पुलिस को अपनी शिकायत में बताया है कि अल्पेश और विपुल ने उनके डॉक्यूमेंट्स से बैंक में खाता खुलवाया है. उसी खाते में करोड़ों के लेनदेन हुए हैं.
जानकारी के मुताबिक़ खेमराज के खुद के बैंक अकाउंट में कोई भी बड़ा लेनदेन नहीं है. नोटिस के बाद जब खेमराज ने दोनों से संपर्क करने की कोशिश की तो दोनों का ऑफ़िस बंद था. खेमराज ने पुलिस को ये भी बताया कि अल्पेश और विपुल ने उनके पैन कार्ड से कई बैंक अकाउंट खुलवाए थे. साल 2014 से 2016 तक इन बैंक अकाउंट्स से कई बार ट्रांजैक्शन हुए.
खेमराज ने पुलिस को बताया कि नोटिस आने के बाद उन्होंने दोनों आरोपियों से संपर्क करने की कोशिश की थी. उनके मुताबिक आरोपियों ने धमकी दी कि अगर उन्होंने किसी को इस बारे में बताया तो उन्हें गलत केस में फंसा दिया जाएगा. लेकिन बार-बार नोटिस आने के बाद खेमराज ने पुलिस में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज करवाई.
पुलिस ने इस मामले में IPC की धारा 406, 420, 465, 467, 120B और 506 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
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