थिरकती श्रीदेवी की मांसल जांघें देखीं, तो रामगोपाल वर्मा (RGV) इतने प्रेरित हुए कि फिल्में बनाने लगे. ऐसा हम या अफवाहें नहीं, RGV खुद कह रहे हैं. अपनी बायोग्राफी 'गन्स एंड थाइज' में. और भी बहुत कुछ कह रहे हैं श्रीदेवी पर अपने पुरातन क्रश के बारे में. पर श्रीदेवी से उनके प्रेम की ये नुमाइश कोई नयी बात नहीं है. तो ये कि साल भर पहले RGV अपनी एक तेलुगु फिल्म का पोस्टर रिलीज़ किया था. नाम था 'सावित्री'. और फिल्म के अलग अलग पोस्टर्स में एक टीनएजर लड़का लगभग एक 25 साल की औरत के शरीर के अलग अलग हिस्सों को देख रहा था. असल में फिल्म में RGV एक ऐसे 13-14 साल के लौंडे को दिखाते हैं जिसका एक 25 साल की औरत पर क्रश होता है. पर ये बात किसी को समझ कहां आनी थी. पोस्टर रिलीज होते ही जनता ने कर दी उनकी ऐसी तैसी. और धरम वालों ने कर दिया 'सावित्री' नाम पर बवाल. कि भइया ये नाम तो हमारे ग्रंथों में आता है. तो सेक्सी पोस्टर में कैसे आ सकता है.

तो RGV ने फिल्म का नाम बदलकर कर दिया 'श्रीदेवी'. मल्लब रियल लाइफ इंस्पिरेशन. पर बोनी कपूर बोले कि RGV हमारी लुगाई को बदनाम करने में लगे हैं. फोन कर के गरिया दिए. RGV ने मैटर क्लियर करते हुए कहा कि 'ये' श्रीदेवी और 'वो' श्रीदेवी अलग-अलग हैं. पर सवाल ये है कि क्या RGV सच बोल रहे थे? किताब पर वापस आते हैं. टाइटल में जिन 'थाइज' का ज़िक्र है, वो असल में श्रीदेवी की ही हैं. फिल्म 'हिम्मतवाला' से. जिनसे, RGV के ही शब्दों में कहें तो, वो 'ओबसेस्ड' थे. पर ये ओबसेशन केवल सेक्शुअल नहीं था. RGV मानते हैं कि श्रीदेवी की सेक्सी इमेज टूटने में थोड़ा वक़्त जरूर लगा. पर इसके बाद वो मिस्टर इंडिया में बेहद खूबसूरत एक्ट्रेस के तौर पर दिखीं. पर बोनी जी से नाराज़गी हमेशा रही. अब भी है.
"मैंने उन्हें बोनी के घर में आम पत्नी की तरह चाय लाते देखा... मैं आजकल बोनी के घर नहीं जाता. क्योंकि मैं उन्हें एक आम औरत की तरह घर के काम करते नहीं देख सकता."