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मनीष सिसोदिया के घर 15 घंटे चली CBI की रेड, डिप्टी CM बोले फोन-लैपटॉप ले गए अधिकारी

सिसोदिया बोले- CBI के जरिए दिल्ली सरकार के अच्छे काम रोकने की कोशिश की जा रही है.

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छापेमारी की कार्रवाई के बाद मनीष सिसोदिया के घर से निकलते CBI के अधिकारी (बाएं) | फोटो : आजतक

दिल्ली में एक्साइज पॉलिसी (Delhi Excise Policy) में कथित घोटाले को लेकर CBI ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के घर सहित 21 जगहों पर छापेमारी की. ये कार्रवाई शुक्रवार, 19 अगस्त को देर रात करीब 11 बजे तक चली. CBI अधिकारियों के जाने के बाद मनीष सिसोदिया ने मीडिया से बातचीत की. उन्होंने बताया कि CBI के अधिकारी उनका फोन और लैपटॉप अपने साथ ले गए हैं.

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‘हमने CBI का पूरा सहयोग किया’

आजतक से जुड़े मुनीष पांडे की रिपोर्ट के मुताबिक CBI की कार्रवाई से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री काफी खफा नजर आए. देर रात मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा,

'आज सुबह आई सीबीआई की टीम ने दिन भर घर की तलाशी ली. मेरा लैपटॉप और पर्सनल मोबाइल सीज करके ले गए. मैंने और मेरी फैमिली ने जांच में पूरा सहयोग दिया. आगे भी जांच होगी तो सहयोग देंगे. हमने कुछ गलत नहीं किया है, कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है. इसलिए हम डर नहीं रहे हैं.'

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रेड के बाद बाहर निकलते सीबीआई के अधिकारी | फोटो: आजतक
Manish Sisodia ने लगाए आरोप

दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने केंद्र सरकार पर बड़े आरोप लगाते हुए कहा,

'हम जानते हैं कि केंद्र सरकार सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है, सीबीआई को ऊपर से कंट्रोल किया जा रहा है. सीबीआई को कंट्रोल करके दिल्ली सरकार के अच्छे काम रोकने की कोशिश की जा रही है. लेकिन, हम कट्टर ईमानदार हैं. ईमानदारी की राजनीति करते हैं, आगे भी करते रहेंगे. बहुत ईमानदारी से दिल्ली में स्कूल बनाए हैं, लाखों बच्चों का भविष्य संवारा है, ईमानदारी से काम करते हुए अस्पताल बनवाए हैं, लाखों लोगों को इलाज मिला है. लाखों लोगों की दुआएं, लाखे बच्चों और उनके पेरेंट्स की दुआएं हैं. हम उनके लिए काम करते रहेंगे. ये (केंद्र सरकार) हमें लाख रोकने की कोशिश करें, लेकिन दिल्ली सरकार के अच्छे काम नहीं रुकेंगे.'

CBI को Manish Sisodia की भूमिका पर संदेह क्यों?

दिल्ली सरकार की एक्साइज पॉलिसी में कथित घोटाले को लेकर CBI ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित 15 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है. सीबीआई ने पीसी एक्ट यानी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-1988 की धारा 120बी और 477ए के तहत ये मामला दर्ज किया है. FIR की कॉपी में लिखा गया है कि अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अरुण पांडे शराब व्यापारियों से करोड़ों रुपये का कमीशन लिया करते थे. ये कमीशन के बदले में शराब का लाइसेंस देते थे. जांच एजेंसी का मानना है कि ये तीनों ही मनीष सिसोदिया के करीबी हैं. और इसी वजह से सीबीआई को सिसोदिया की भूमिका को लेकर संदेह है.

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वीडियो देखें : मनीष सिसोदिया पर CBI कार्रवाई के पीछे एक्साइज पॉलिसी है या कुछ और?

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