मुग़ल साम्राज्य के आखिरी बादशाह बहादुर शाह ज़फर जो दिल्ली पर अंग्रेजों की कूच के बाद अपने जीवन के सबसे मुश्किल पल से गुजर रहे थे. बादशाह जफर ने आखिरी बार अपनी पसंदीदा बेगम जीनत महल और परिवार के बचे खुचे सदस्यों के साथ खाना खाया. रात के तीसरे पहर होते ही आखिरकार एक सफेद चादर ओढ़कर वो अपने वफादारों की सलाह पर किले से बाहर निकलते है. हमेशा के लिए. किला छोड़ने का फैसला दिल चीरने जैसा था. ये जानते हुए भी कि अगली सुबह उनकी सल्तनत का अंत लेकर आएगी. उस रात बहादुर शाह जफर ने केवल किला ही नहीं बल्कि मुगल सल्तनत की मिल्कियत भी पीछे छोड़ दी. जो उन्हें पुरखों से मिली थी. इसके बाद दिल्ली के तख्त पर कभी भी कोई मुगल शहंशाह काबिज नहीं हुआ. तो फिर आगे ये मुगल गए कहां? जानने के लिए देखें पूरा वीडियो.
तारीख: बहादुर शाह ज़फर के बाद मुग़ल कहां चले गए?
उस रात बहादुर शाह जफर ने केवल किला ही नहीं बल्कि मुगल सल्तनत की मिल्कियत भी पीछे छोड़ दी.
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