The Lallantop
Logo

तारीख: डांस करने वाली जासूस, जिसे आइफ़िल टावर की मदद से ‘पकड़ा’ गया!

क्रोनोलॉजी को पटलते हुए आज कहानी की शुरुआत इसके अंत से करते हैं. क्यों? वो आपको आगे पता चलेगा, फ़िलहाल मंजर देखिए. साल 1917 की बात है. 15 अक्टूबर की तारीख़. पेरिस की सेंट्रल जेल में सुबह-सुबह घंटी बजी.

Advertisement

क्रोनोलॉजी को पटलते हुए आज कहानी की शुरुआत इसके अंत से करते हैं. क्यों? वो आपको आगे पता चलेगा, फ़िलहाल मंजर देखिए. साल 1917 की बात है. 15 अक्टूबर की तारीख़. पेरिस की सेंट्रल जेल में सुबह-सुबह घंटी बजी. जेल के तहख़ाने में बंद माता हारी को नींद से जगाया गया. आख़िरी सफ़र का बुलावा था. जाने से पहले उसने कुछ काग़ज़ और लिफ़ाफ़े मांगे. और फिर दो चिट्ठियों में अपनी ज़िंदगी का पूरा ब्योरा लिख डाला. चिट्ठी लिखते हुआ उसके हाथ कांप रहे थे. उसकी उम्र 41 साल हो चुकी थी. लेकिन कोई भी उसे देखकर बता सकता था, कभी वो दुनिया की सबसे सुंदर औरत रही होगी. उसने काले कलर का एक लम्बा ओवरकोट और सर में हैट पहन रखी थी. पैरों में काले मोज़े थे, और लम्बी हील वाली चप्पलें. जेल से निकालकर उसे आसमानी रंग की एक गाड़ी में बिठाया गया. उसके साथ दो नन, और एक वकील बैठा हुआ था. नन ने उसकी देखभाल की थी, और वकील ने उसका केस लड़ा था. हालांकि दोनों का ही काम पूरा हो चुका था. वे बस उसे आख़िरी मंज़िल तक छोड़ने आए थे. मंज़िल थी पेरिस के बाहर एक छोटा सा मैदान. पूरा किस्सा जानने के लिए देखें वीडियो. 

Advertisement

Advertisement
Advertisement