लाहौर की बकरा मंडी में रोज़ की तरह हलचल थी. लाइनें दो थीं. ग्राहकों की और बकरों की. किसी की अम्मा बुला रही थीं, तो किसी की खैर मना रही थी. कसाई मोहल्ले में चाकू तेज़ हो ही रहे थे कि तभी चंद कदमों की आहट से मंडी में एकदम सन्नाटा छा गया. चाकू जहां थे वहीं रुक गए. एक हाथ आगे बढ़ता है. और हर बकरा काटने वाला एक एक रुपया हाथ में डाल देता है. ये दिन की बोनी का टैक्स था. इसके बाद दिन में जितनी बार बकरा कटता, टैक्स चुकाना पड़ता. ये टैक्स सरकार नहीं लेती थी. जग्गा लेता था. जग्गा कौन?
तारीख: पाकिस्तान में चलने वाला जग्गा टैक्स क्या है?
कहते हैं जग्गा जिस दिन मरा, लाहौर की लाइटें दो दिन बंद रही. हालांकि उजाला तब भी नहीं था, जब जग्गा पैदा हुआ था. जग्गा जब पैदा हुआ, लाहौर भारत में था. लेकिन जवान होते होते पाकिस्तान में पहुंच गया था.
जग्गा गुर्जर,
पाकिस्तान के सबसे बड़े गुंडों में से एक, जिसके मरने के 70 साल भी अवैध वसूली को पाकिस्तान में लोग जग्गा टैक्स कहते हैं. कौन था जग्गा गुर्जर? जानेंगे आज के एपिसोड में.