"मशीन गन से गोलियां रुकी तब तक लाशों का ढेर लग चुका था. सेना लौट गई. लोग गिरे पड़े थे. अधिकतर मर चुके थे. जो जिन्दा थे, वो मरे होने का बहाना कर रहे थे. इस उम्मीद में की शायद जान बच जाए. लेकिन सेना कुछ देर बाद फिर लौटी. कौन मरा, कौन जिन्दा, ये पहचानने में जहमत लगती, इसलिए तमाम गिरे शरीरों पर केरोसीन डाला गया और आग लगा दी गई."
तारीख: पाकिस्तान आर्मी ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दी!
बयान-ए-हाल था एक ऐसे नरसंहार का जिसे एक देश की सेना ने अपने ही नागरिकों पर अंजाम दिया.
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अभी जो आपने पढ़ा वो बयान-ए-हाल था. एक ऐसे नरसंहार का जिसे एक देश की सेना ने अपने ही नागरिकों पर अंजाम दिया. जानने के लिए देखें वीडियो.
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