ये कहानी है ऑपरेशन ब्लैक थंडर की. तब ऑपरेशन ब्लू स्टार की तरह तब भी खालिस्तानी आतंकियों ने गोल्डन टेम्पल को अपना ठिकाना बना डाला था. ब्लू स्टार की कीमत इंदिरा को अपनी जान चुकाकर देनी पड़ी थी. वहीं 1000 से ज्यादा लोग भी मारे गए थे. और इनमें से 150 आर्मी के जवान थे. क्या इस बार भी वही गलती दोहराई जाएगी? DGP गिल को पिछले पांच दिनों से यही बात खाए जा रही. लेकिन अबकी बार प्लान पक्का था. जो कुछ होना था दोपहर की रौशनी में पूरी दुनिया की आंखो के सामने होना था. देखिए वीडियो.
तारीख: स्वर्ण मंदिर में छिपे खालिस्तानी उग्रवादियों का कैसे किया सफ़ाया?
ऑपरेशन ब्लू स्टार की तरह तब भी खालिस्तानी आतंकियों ने गोल्डन टेम्पल को अपना ठिकाना बना डाला था.
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