26 नवम्बर 2008 की वो शाम किसी आम शाम जैसी ही थी. मुम्बई का होटल ताज हमेशा की तरह जगमगा रहा था. अंदर हजारों मेहमान थे. कोई ताज में ठहरा हुआ था तो कोई रेस्त्रां में डिनर के लिए आया हुआ था. इन्हीं में से एक थे कैप्टन रवि धर्निधरका. भारतीय मूल के कैप्टन रवि अमेरिकी सेना में मरीन थे. और करीब 13 साल बाद अपने परिवार से मिलने भारत आए थे. उस रोज़ उन्होंने सोचा कि सबको डिनर पर ले जाया जाए. होटल ताज का रेस्त्रां ‘सूक’ अपने लेबनानी खाने के मशहूर था.
तारीख: US मरीन ने 7 एक्स कमांडो के साथ मिलकर बचाई 150 जानें!
क्या हुआ था उस रोज़ ताज के अंदर?
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कैप्टन रवि अपने परिवार सहित रेस्त्रां में पहुंचे. रवि ने पिछले 4 साल ईराक की जंग में बिताए थे. और मुम्बई आकर वो बहुत सुकून महसूस कर रहे थे. लेकिन उन्हें नहीं पता था कि कुछ ही देर में जंग खुद उन तक चलकर आने वाली है. और उसी होटल में मौजूद 7 लोग, जो अब तक उनके लिए अंजान थे, जंग में उनके साथी बनने वाले थे. कैप्टन रवि का साथ देने ये सात लोग एक्स-कमांडो थे. और उसी शाम दक्षिण अफ्रीका से मुंबई में लैंड किए थे. कैप्टन रवि और इन सात लोगों ने 26/11 को हुए आतंकी हमले में लगभग 150 लोगों की जान बचाई थी. क्या हुआ था उस रोज़ ताज के अंदर? जानेंगे आज के एपिसोड में.
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