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गुजरात की राजनीति में KHAM theory का पूरा किस्सा

कौन था वो मुख्यमंत्री जिसने इस समीकरण से सफलता पाई.

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गुजरात के सातवें मुख्यमंत्री माधव सिंह सोलंकी पेशे से पत्रकार थे और वकालत की पढ़ाई कर रहे थे. सियासत से उनका कोई सीधा वास्ता नहीं था. खाम यानी क्षत्रिय (ओबीसी), हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम. गुजरात की राजनीति में जीत का यह समीकरण माधव सिंह सोलंकी की देन हैं. यह बात अलग है कि उन्होंने अपने मुंह से कभी ‘खाम’ शब्द का उपयोग नहीं किया. इसी समीकरण के दम पर कांग्रेस ने 1985 के विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड 149 सीट जीती थीं. माधव सिंह सोलंकी के दिमाग में इस इतने मजबूत सियासी समीकरण को बनाने का आइडिया कहां से आया? इसका पूरा ब्योरा जानिए पॉलिटिकल किस्सों की इस खास सीरीज़ 'मुख्यमंत्री' में. माधव सिंह सोलंकी चार बार सूबे के मुख्यमंत्री बने. उनकी इस सफलता के पीछे थी जातिगत समीकरणों को अपने पक्ष में साधने की अद्भुत क्षमता. आप भी जानिए क्या है ये समीकरण.

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