रूस-यूक्रेन युद्ध ने अब एक और खतरनाक मोड़ ले लिया है. रूस ने यूक्रेन पर रात के समय बड़े पैमाने पर ड्रोन हमले तेज कर दिए हैं. ये हमले "Shahed" ड्रोन के ज़रिए किए जा रहे हैं, जिन्हें रूस में "Geran-2" कहा जाता है. ये ईरान द्वारा बनाए गए आत्मघाती (Loitering munition/kamikaze drone) ड्रोन हैं, जो अब रूस में लोकल लेवल पर भी तैयार किए जा रहे हैं.
रूस के 'शहीद' ड्रोन से हर रात कांप रहा यूक्रेन, नागरिक इलाकों पर बढ़े हमले
रूस ने यूक्रेन पर Shahed Drones से हमले किए हैं. अब हर रात 1000+ ड्रोन नागरिक इलाकों को निशाना बना रहे हैं.

सुरक्षा विश्लेषकों के अनुसार, फरवरी 2025 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा युद्धविराम की कोशिशों के बाद रूस ने ड्रोन हमलों की संख्या अचानक बढ़ा दी है. अब औसतन 1,048 ड्रोन हर हफ्ते यूक्रेन पर दागे जा रहे हैं. 8 जून को एक ही रात में 479 ड्रोन हमले किए गए - यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या मानी जा रही है. इन हमलों का मकसद यूक्रेन की वायु रक्षा प्रणाली (Air Defence Systems) को पस्त करना और नागरिकों में डर फैलाना है.
शहीद ड्रोन: कम खर्च, ज्यादा तबाहीShahed ड्रोन जिसे शहीद या कहीं-कहीं शाहेद भी लिखा जाता है, ईरान में बने सुसाइड ड्रोन हैं. इनका रूसी वर्जन Geran-2 कहलाता है. ये ड्रोन लगभग 11 फीट लंबे होते हैं और इनमें हाई-एक्सप्लोसिव वॉरहेड फिट होता है. ये ड्रोन रात के अंधेरे में उड़ते हैं और मोटरसाइकिल जैसी आवाज़ करते हैं. इनमें टंगस्टन बॉल्स और ज्वलनशील धातुएं (टाइटेनियम, ज़िरकोनियम) भरी होती हैं, जो विस्फोट के साथ आग फैलाती हैं. इनकी बनावट सस्ती लेकिन घातक है. इन्हें प्लास्टिक, कार्डबोर्ड और हल्के धातुओं से तैयार किए जाते हैं.

रूस इन ड्रोनों का इस्तेमाल सिर्फ सेना के ठिकानों पर नहीं बल्कि रिहायशी अपार्टमेंट, स्कूल, और बिजली के पावर प्लांट्स पर भी कर रहा है.
यूक्रेन सरकार का कहना है कि ये हमले अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का उल्लंघन हैं. यूक्रेन के उप न्याय मंत्री अंद्रेई हाईचेंको ने कहा कि
रूस का यह अभियान जिनेवा कन्वेंशन के अनुच्छेद 51 का उल्लंघन है.
हाईचेंको ने इसे "मानवता के खिलाफ अपराध" करार दिया.
विशेषज्ञों के अनुसार, रूस और यूक्रेन दोनों ही ड्रोन तकनीक को तेजी से विकसित कर रहे हैं. ड्रोन अब सिर्फ खुफिया निगरानी या सेना तक सीमित नहीं, बल्कि वे आम नागरिकों के जीवन को भी प्रभावित कर रहे हैं. इनका प्रयोग अब युद्ध के नए 'प्लेबुक' का हिस्सा बन चुका है.

- 2022 में प्रति सप्ताह औसतन 34 ड्रोन दागे जा रहे थे.
- 2023 में यह संख्या बढ़कर 67 प्रति सप्ताह हुई.
- 2024 के मध्य में औसत 227 हो गया.
- 2025 की शुरुआत में यह 1000+ प्रति सप्ताह तक जा पहुंचा.
रूस द्वारा शहीद ड्रोनों का व्यापक उपयोग अब यूक्रेन में एक मनोवैज्ञानिक और सामरिक हथियार बन चुका है. हर रात ड्रोन की आवाजों के बीच यूक्रेन वासियों के लिए नींद से बढ़कर जान बचाने की फिक्र है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठन इस बढ़ते खतरे को गंभीरता से ले रहे हैं.
वीडियो: यूक्रेन के ड्रोन अटैक के बाद शांति वार्ता की मीटिंग में रूस ने क्या शर्त रख दी?