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किताबवाला: राइफलमैन औरंगजेब, जिन्होंने आतंकियों से 'कंधार हाईजैक' का हिसाब बराबर किया

लल्लनटॉप के अभिषेक के साथ बातचीत में 'राइफलमैन औरंगजेब' किताब की लेखक दामिनी बताती हैं कि कैसे औरंगजेब गांव के बच्चों की एक पूरी पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बने. धमकियों, डर और हिंसा से घिरे होने के बावजूद एक से बढ़ कर एक साहसिक ऑपरेशंस में हिस्सा लिया.

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किताबों से जुड़े लल्लनटॉप के खास शो किताबवाला में इस बार हमारी मेहमान हैं  'राइफलमैन औरंगजेब' किताब की लेखक दामिनी पुनिया. दामिनी पुनिया ने इससे पहले भारतीय फौज द्वारा Sierra Leone में पीसकीपिंग मिशन पर 'ऑपरेशन खुखरी' शीर्षक से किताब लिखी है. किताबवाला के इस एपिसोड में उन्होंने बताया कि कैसे पुंछ के एक लड़के ने तब इंडियन आर्मी जॉइन की जब वहां कट्टरपंथ और आतंकवाद चरम पर था. अपने पिता के नक़्शेकदम पर चलते हुए औरंगजेब ने धमकियों, डर और हिंसा से घिरे होने के बावजूद एक से बढ़ कर एक साहसिक ऑपरेशंस में हिस्सा लिया.

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लल्लनटॉप के अभिषेक के साथ बातचीत में दामिनी बताती हैं कि कैसे औरंगजेब गांव के बच्चों की एक पूरी पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत बने. आखिरी समय में जब आतंकी उन्हें बेरहमी से टॉर्चर कर रहे थे, तब भी उन्होंने आतंकियों को एक भी जानकारी नहीं दी. क्या बातें हुईं लेखक दामिनी पुनिया से, जानने के लिए देखिए, किताबवाला का ये एपिसोड.

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