The Lallantop

सऊदी अरब के रेगिस्तान में क्यों हो रही बर्फबारी, कुदरत के इस 'कैमिकल लोचा' की वजह जान लीजिए

सऊदी के रेगिस्तान में कुछ हुआ कि लोग आंखें फाड़-फाड़कर देख रहे हैं और सोशल मीडिया पर "ये AI है क्या?" वाले कमेंट्स की बाढ़ आ गई है. पर AI की फर्जी पिक्चरों के ट्रेंड के बीच ये खबर बिल्कुल पक्की है. और काफी रेयर भी.

Advertisement
post-main-image
ट्रोजेना हाइलैंड्स में बर्फ इतनी जम गई कि मानो पूरा इलाका सफेद चादर ओढ़कर सो रहा है. (फोटो- X/GlobeEyeNews)

सऊदी अरब का नाम सुन दिमाग में सबसे पहले क्या क्या आता है? 50-55 डिग्री वाली गर्मी. ऊंट. और लंबे-लंबे रेगिस्तानी इलाके. पर कल्पना कीजिए कि जहां 50 डिग्री की तपिश में ऊंट भी पसीना-पानी हो जाते हैं, वहां अचानक बर्फ की चादर बिछ जाए! जी हां, सऊदी अरब का रेगिस्तान इन दिनों विंटर वंडरलैंड बन गया है. दिसंबर 2025 में ऐसा कुछ हुआ कि लोग आंखें फाड़-फाड़कर देख रहे हैं और सोशल मीडिया पर "ये AI है क्या?" वाले कमेंट्स की बाढ़ आ गई है. पर AI की फर्जी पिक्चरों के ट्रेंड के बीच ये खबर बिल्कुल पक्की है. और काफी रेयर भी.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

उत्तरी सऊदी में एक जगह है. तबूक प्रांत. यहां जबल अल-लॉज (जिसे अंग्रेजी में Almond Mountain भी कहते हैं) में एक पहाड़ी है. नाम ट्रोजेना. इंडिया टुडे से जुड़े आर्यन राय की रिपोर्ट के मुताबिक इसकी ऊंचाई करीब 2600 मीटर है. ट्रोजेना हाइलैंड्स में बर्फ इतनी जम गई कि मानो पूरा इलाका सफेद चादर ओढ़कर सो रहा है. तापमान माइनस 4 डिग्री तक लुढ़क गया है. माइनस 4! सोचो, जहां गर्मी में अंडा तल जाता हो, वहां अब ठंडी-ठंडी बर्फ गिर रही है.

Image
उत्तरी रियाद के अल-घात, अल-मजमाआ, हाइल रीजन और अल-जौफ में भी बर्फ गिरी है. 

उत्तरी रियाद के अल-घात, अल-मजमाआ, हाइल रीजन और अल-जौफ में भी बर्फ गिरी है. कुछ जगहों पर तो रेगिस्तान के बीचों-बीच ऊंट बर्फ में चलते दिखे. वही ऊंट जो हमेशा रेत पर ठुमकते हैं, अब बर्फ पर ठिठक-ठिठक कर चल रहे हैं. जैसे कोई बॉलीवुड हीरो स्लो मोशन में एंट्री मार रहा हो. सोशल मीडिया पर स्नोफॉल के कई वीडियो वायरल हैं. जहां लोग स्नो गेम्स खेलते दिख रहे हैं.

Advertisement

लेकिन असली सवाल ये है कि ये 30 साल बाद कैसे हुआ, और क्यों? आखिरी बार इतनी जबरदस्त बर्फबारी 1990 के आसपास देखी गई थी. तो क्या ये सिर्फ मौसम का खेल है या क्लाइमेट चेंज का नया ड्रामा?

अचानक इतनी ठंड क्यों पड़ गई?

सऊदी अरब के नेशनल सेंटर फॉर मेटियोरोलॉजी (NCM) के अनुसार, रियाद के उत्तर में अल-मजमाआ और अल-घात इलाकों में बर्फबारी देखी गई, जहां खुले मैदानों और ऊंचे इलाकों में बर्फ जमा हो गई है. NCM के आधिकारिक प्रवक्ता हुसैन अल-कहतानी ने बताया कि ये हालात एक ठंडी हवा के बड़े द्रव्यमान (cold air mass) के कारण बने, जो मध्य और उत्तरी इलाकों में तेजी से घुस आया और बारिश लाने वाले बादलों के साथ टकरा गया. उन्होंने आगे कहा कि खासकर उत्तरी और मध्य हिस्सों में तापमान काफी कम रहने की उम्मीद है.

Image
बर्फ के बीच खड़े ऊंट.

अधिकारियों ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है. सड़कों पर सतर्कता से गाड़ी चलाने और बाढ़ के खतरे वाले घाटियों (valleys) से दूर रहने को कहा है.

Advertisement
जलवायु परिवर्तन से बिगड़ रहा पैटर्न!

एक्सपर्ट्स का कहना है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से मौसम के पैटर्न बिगड़ रहे हैं. कभी UAE में सर्दियों में अजीब बारिश, कभी दक्षिण एशिया में रिकॉर्ड गर्मी, कभी मिडिल ईस्ट में फ्लैश फ्लड, तो कभी यूरोप-नॉर्थ अफ्रीका में अजीब बर्फबारी. मौसम वैज्ञानिक इस घटना को खास वायुमंडलीय स्थितियों (atmospheric conditions) से जोड़ रहे हैं. लेकिन ऐसी असामान्य घटनाओं की बढ़ती संख्या अब सवाल उठा रही है कि जलवायु परिवर्तन उन मौसम पैटर्न को कैसे बदल रहा है, जो सदियों से गर्मी और सूखे के लिए मशहूर इलाकों में भी देख रहा है.

Image
हाल के महीनों में कई जगहों पर ऐसी ही अजीबोगरीब मौसमी घटनाएं देखने को मिली हैं.

सऊदी अरब में बर्फबारी जैसी दुर्लभ घटना ने फिर से मौसम की बढ़ती अनिश्चितता पर बहस छेड़ दी है. हाल के महीनों में कई जगहों पर ऐसी ही अजीबोगरीब मौसमी घटनाएं देखने को मिली हैं.

लेकिन इसके इतर सच ये है कि लोकल लोग काफी एक्साइटेड हैं. कई जगहों पर टूरिस्ट भी पहुंच गए हैं, फोटो-वीडियो खींच रहे हैं. ट्रोजेना तो पहले से ही स्की और हाइकिंग का स्पॉट बन रहा था, अब तो और भी फेमस हो जाएगा. वैसे ये बर्फ ज्यादा दिन नहीं टिकेगी. दो-चार दिन में पिघल जाएगी, फिर वही तपता रेगिस्तान.

वीडियो: सऊदी अरब में मक्का से मदीना जा रहे 42 भारतीयों की मौत कैसे हुई है?

Advertisement