इंग्लैंड के लिए आखिरकार 5468 दिनों का सूखा खत्म हो गया. 15 साल बाद कंगारुओं को इंग्लिश टीम उनके घर पर टेस्ट मैच में मात देने में सफल रही. एशेज सीरीज में अब तक भले ही इंग्लिश टीम के लिए कुछ अच्छा न रहा हो. लेकिन, चौथे टेस्ट के दूसरे दिन इंग्लिश टीम ने 4 विकेट से मैच अपने नाम कर सीरीज में अपने सम्मान की रक्षा में एक कदम बढ़ा लिया. ऐतिहासिक मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर इंग्लिश टीम की ये जीत किसी चमत्कार से कम नहीं है. महज 1.5 दिन तक चले मुकाबले में इंग्लैंड ने 175 रन के मुश्किल टारगेट को हासिल कर ये कारनामा किया.
इंग्लैंड का 5468 दिनों का सूखा खत्म! कंगारुओं को बॉक्सिंग डे टेस्ट में उनके घर पर हराया
पेसर Josh Tongue की शानदार बॉलिंग के दम पर इंग्लैंड ने 15 साल बाद कंगारुओं को उनके घर पर टेस्ट मुकाबले में हराया. Ben Stokes की अगुवाई वाली टीम ने 4 विकेट से जीता मुकाबला. महज दो दिन में गिरे 36 विकेट.


इंग्लैंड ने 32.2 ओवरों में 4 विकेट से जीत दर्ज की. यह 1962 के बाद पहली बार है जब इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट की चौथी पारी में सफल रन चेज़ किया. इसके साथ ही इंग्लैंड ने 18 टेस्ट मैचों के बाद ऑस्ट्रेलिया में जीत का स्वाद चखा है. मैच के दौरान अब तक आलोचनाओं से घिरी इंग्लैंड की बैजबॉल शैली ही उनके लिए जीत लेकर आई. महज 4 सेशन में लगभग 30 विकेट गिरने के कारण 175 रन का टारगेट बहुत मुश्किल नज़र आ रहा था.
लेकिन, इंग्लैंड की ओपनिंग जोड़ी ने महज 42 बॉल्स में 51 रन जोड़कर जीत का विश्वास जगा दिया. बेन डकेट और जैक क्रॉली की इस जोड़ी के इस प्रयास के बाद बाकी बैटर्स पर दबाव घट गया. यही कारण रहा कि लगातार विकेट गिरने के बावजूद टीम 4 विकेट से मुकाबला जीतने में सफल रही. हालांकि, इसी पिच पर पहली इनिंग में पूरी इंग्लिश टीम महज 110 रन पर सिमट गई थी.
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इंग्लैंड के ड्रेसिंग रूम में अंत में थोड़ी हड़बड़ाहट नज़र आई. ऑस्ट्रेलिया ने जब जो रूट (15) और बेन स्टोक्स (2) को आउट किया तो लगा इंग्लिश टीम पैनिक कर गई है. लेकिन, 22 बॉल्स पर नाबाद 18 रन बनाने वाले हैरी ब्रूक ने कोई गलती नहीं की और टीम के लिए जीत सुनिश्चित की. इससे पहले, इंग्लैंड ने आखिरी बार ऑस्ट्रेलिया में 7 जनवरी 2011 को टेस्ट मैच जीता था. इंग्लिश टीम ने तब सिडनी टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को पारी और 83 रन से हराकर एशेज 3–1 से जीती थी.
पिच को लेकर भी हो रही बहसमैच के महज दो दिन के भीतर खत्म होने के कारण पिच को लेकर भी खूब बहस चल रही है. मेलबर्न में पहले दिन ही कुल 20 विकेट गिर गए थे. ये ऑस्ट्रेलिया में 1951 के एडिलेड ओवल के बाद सबसे ज्यादा थे. दूसरे दिन भी विकेटों का पतझड़ जारी रहा और 16 विकेट गिर गए. इस सीरीज़ के पहले टेस्ट में भी पहले दिन 19 विकेट गिरे थे और वहां भी मैच दो दिन में नतीजे पर पहुंच गया था. अब तक 4 टेस्ट के 20 दिनों में से सिर्फ 13 दिन का खेल हो पाया है. ऐसे में ये देखने लायक होगा कि मेलबर्न की इस पिच को आईसीसी की ओर से क्या रेटिंग दी जाती है.
वहीं, मैच की बात करें तो, ऑस्ट्रेलिया ने पहले बैटिंग करते हुए पहली पारी में केवल 152 रन बनाए थे. इस दौरान जोश टंग ने सबसे ज्यादा 5 विकेट झटके थे. हालांकि, इसके जवाब में इंग्लैंड की पहली पारी सिर्फ 110 रन पर सिमट गई थी. यानी मेजबान टीम ने 152 रन बनाने के बावजूद 42 रनों की बढ़त हासिल कर ली थी. लेकिन, दूसरी पारी में भी ऑस्ट्रेलियाई टीम कुछ खास नहीं कर सकी. कार्स, टंग और स्टोक्स की घातक गेंदबाजी से मेजबान महज 132 पर सिमट गए. इंग्लैंड के सामने 175 रनों का लक्ष्य था. इसे इंग्लैंड ने 4 विकेट रहते चेज कर लिया.
ये जीत इंग्लैंड के लिए कई मायनों में खास है. लगातार 3 मैच हारने के कारण इंग्लैंड पहले ही सीरीज गंवा चुका था. खिलाड़ियों पर तरह-तरह के सवाल उठ रहे थे. पूर्व खिलाड़ी भी प्लेयर्स और कोच को घेर रहे थे. लेकिन, इस जीत से शोर जरूर थोड़ा कम होगा. सीरीज़ का आखिरी टेस्ट अब 4 से 8 जनवरी तक सिडनी में खेला जाएगा. सिडनी में इंग्लैंड जहां जीत के साथ सीरीज़ 2-3 से खत्म करना चाहेगा. वहीं, ऑस्ट्रेलिया की नज़रें सीरीज़ को 4-1 से खत्म करने पर होंगी.
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